परमार्थ निकेतन ने निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का किया आयोजन

*सभी देशवासियों को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, नव संवत्सर 2078 एवं नवरात्रि के पावन पर्व की मंगलकामनायें

*स्वस्थ जीवन ही सफलता की कुंजी-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

ऋषिकेश/उत्तराखंड- परमार्थ निकेतन में पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजन किया गया जिसमें निःशुल्क नेत्र चिकित्सा, जांच, चश्मा और दवाईयां वितरित की गयी ताकि स्वस्थ, सुंदर और दिव्य दुनिया का निर्माण किया जा सके।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी देशवासियों को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, नव संवत्सर 2078 एवं नवरात्रि के पावन पर्व की मंगलकामनायें देते हुये कहा कि नव वर्ष सभी के लिये कल्याणकारी हो तथा सभी को आरोग्य, सृमद्धि और शान्ति प्राप्त हो। नए वर्ष का पहला दिन सभी के लिये कई मायनों में खास होता है। नया वर्ष नई उम्मीद और आशा की नई किरण लेकर आता है, इसलिये शुरूआत भी सकारात्मक कार्यो से की जानी चाहिये।
सनातन परंपरा के अनुसार भी वर्ष का पहला दिन पूरे वर्ष का दर्पण होता है। इसलिए नववर्ष की शुरूआत हमेशा श्रेष्ठ और सेवाकार्यो से की जानी चाहिये।
नेत्र शिविर का आयोजन परमार्थ निकेतन, आभा बागडोदिया चेरिटेबल ट्रस्ट, महावीर सेवा मिशन, कोलकता, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के सयुंक्त तत्वाधान में किया गया। डा. श्री सौरव शाॅ, श्री राजेश, राजेश, डा. रवि कौशल जी और परमार्थ निकेतन की सेवा टीम का उत्कृष्ट योगदान रहा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन व आवास जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं। सभी को स्वास्थ्य व शिक्षा प्रदान करना बहुत जरूरी है। भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है और इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक दबाव है।
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी सुनिश्चित करने और योगदान देने हेतु समर्थवान विभूतियों को आगे आने की जरूरत है क्योंकि स्वस्थ जीवन ही सफलता की कुंजी है। किसी भी व्यक्ति को अगर जीवन में सफल होना है तो इसके लिये सबसे पहले उसके शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है अगर नागरिक सुरक्षित हैं तो ही राष्ट्र स्वस्थ, समृद्ध और सुरक्षित रह सकता है। आईये मिलकर स्वस्थ समाज और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें।

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