पत्रकारों की एकता ही उन्हें कर सकती है सुरक्षित:जेसीआई

  • जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया ने किया सभी पत्रकारों से एकजुट होने का आवाह्न
    *पत्रकार साथी एकजुट होकर कराये चौथे स्तंभ की ताकत का एहसास

आज देश के हर प्रदेश में पत्रकारों को सच का सामना कराने पर झूठे मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है।जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने देश के सभी पत्रकारों से एकजुट होने का आवाह्न किया उन्होने कहा कि एकजुट होकर सभी पत्रकार साथी चौथे स्तंभ की ताकत का एहसास करायें क्योकि एकजुट होकर ही वह सुरक्षित रह सकते है।
उन्होने कहा कि अभी हाल ही मे हरियाणा के पत्रकार राजेश कुंडू ने दंगे को लेकर एलर्ट किया तो उसी पर कर पुलिस ने बिना जांच और उनसे पूछताछ के बगैर ही उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया इसी के साथ उनके साथी द इंक के कैमरामैन किस्मत राणा को पुलिस ने बेवजह उठा लिया।हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज जी के हस्तक्षेप के बाद उन्हें रिहा किया गया और जांच पूरी न होने तक राजेश कुंडू को बेवजह परेशान न किये जाने की नसीहत दी गयी यह पत्रकारो की एकता का ही परिणाम है।दूसरा मामला झारखंड का है जहां ईटीवी के पत्रकार मो0 अरबाज को डीसीपी की बाइट लेना महंगा पड गया। उन्हे पीटा गया।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि सभी पत्रकार किसी भी पीड़ित पत्रकार की समस्या को प्रमुखता से अपने समाचार पत्र, पोर्टल व चैनल में स्थान देकर उसे प्रमुखता से प्रकाशित करे।क्योकि कलम ही हमारी ताकत है और एकजुट होकर ही हम देश के चौथे स्तंभ की ताकत का एहसास करा सकते है। आज इन हालातों में देश का चौथा स्तम्भ कमजोर होता दिखाई दे रहा है पहले छोटे बैनरों के पत्रकारों को परेशान किया जाता था लेकिन आज सभी को परेशान किया जा रहा है। इसका हल हमें एकजुट होकर ही निकालना पड़ेगा।
सच को उजागर करना पत्रकार का दायित्व है।वह उसे करते भी है लेकिन पत्रकारों पर लगातार होते झूठे मुकदमों से दबंगो के हौसले और बुलंद हो रहे है।पत्रकार संगठन काफी समय से लगातार देश मे पत्रकार सुरक्षा कानून लाये जाने की मांग कर रहे है लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।अब हमे एकजुट होकर ही अपने आपको सुरक्षित करना होगा।

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