नोएडा प्राधिकरण में तैनात रहे इन 55 अफसरों पर गिर सकती है गाज: छानबीन में जुटी सरकार

नोएडा – समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों में 10 वर्षों के दौरान नोएडा विकास प्राधिकरण में विभिन्न पदों पर तैनात रहे 55 अफसरों पर गाज गिर सकती है । दरअसल, इस दौरान विकास प्राधिकरण में 30 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह जानकारी उत्तर प्रदेश की विधानसभा में दे चुके है। मुख्यमंत्री का वक्तव्य आने के बाद शासन स्तर पर कार्यवाही तेज हो गई हैं। अब शासन उन अफसरों की लिस्ट बनाने में जुट गया है, जो उन 10 वर्षों के दौरान नोएडा विकास प्राधिकरण में विभिन्न पदों पर तैनात रहे थे।

सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में जो घपले और घोटाले बताए गए हैं, उनके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की सूची बनाई जा रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सीएजी की रिपोर्ट को पढ़ने के लिए शासन स्तर पर तीन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों की यह टीम पूरी सीएजी रिपोर्ट पढ़ रही है और यह देख रही है कि किस-किस ढंग से विकास प्राधिकरण को 30,000 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक 3 तरह से विकास प्राधिकरण को आर्थिक हानि पहुंचाई गई है। सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान विकास प्राधिकरण की नीतियों और नियमावली में बदलाव करके किया गया है। इसमें विशेष तौर से आवंटन नीति और भुगतान नीति में किए गए बदलाव शामिल हैं।

आर्थिक नुकसान पहुंचाने का दूसरा बड़ा माध्यम टेंडर छोड़ने और विकास कार्यों के लिए कंपनियों की चयन प्रक्रिया है। इसमें भी बड़े स्तर पर धांधली सामने आई है। तीसरा तरीका सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान पहुंचाना है। जिसमें वित्तीय अनियमितताएं बरती गई हैं। ऐसे मदों में पैसा खर्च किया गया है, जिनसे प्राधिकरण को कोई लाभ नहीं मिला। खासतौर से मुकदमे लड़ने, कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, वेतन-भत्ते और दूसरे खर्च दिखाकर व्यापक स्तर पर धांधली की गई है।

उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन 10 वर्षों का सीएजी ने ऑडिट किया है, उस दौरान विकास प्राधिकरण में चेयरमैन, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विशेष कार्याधिकारी, महाप्रबंधक और उप महाप्रबंधक स्तर के 55 अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं। अब शासन लिए गए फैसलों की तारीख, फैसले लेने वाले अधिकारियों के नाम का उनके तैनाती कार्यकाल से मिलान करके एक लिस्ट तैयार कर रहा है। यह लिस्ट जल्दी ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी। उसके बाद विभागीय जांच होगी और इन अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।

जानकारी मिली है कि सरकार इन अधिकारियों की और इनके रिश्तेदारों की संपत्तियों की जांच भी करवाने का मन बना चुकी है। यह भी जानकारी मिली है कि इन 55 अधिकारियों में से कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कुछ देश छोड़कर विदेश में बस चुके हैं। जब सीएम विधानसभा में व्यक्तव्य दे रहे थे तो सदस्यों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। जिस पर सीएम ने सदन को आश्वासन दिया कि निश्चिंत रहिए सरकार कार्रवाई करेगी। जल्दी कार्रवाई की जाएगी।

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