निजी अस्पताल के कर्मचारियों ने घायल के गले से नही निकाली नली, दम घुटने से हुई मौत

फरीदपुर, बरेली। थाना फरीदपुर क्षेत्र मे हादसे में घायल हुए युवक की आर्थिक तंगी के चलते परिवार वालों ने निजी अस्पताल से छुट्टी करा ली। छुट्टी कराने से नाराज अस्पताल के कर्मचारियों ने युवक के गले में सफाई करने के लिए डाली नली को नहीं निकाला। जिसकी वजह से युवक की दम घुटने से मौत हो गई। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने निजी अस्पताल की घोर लापरवाही का खुलासा किया है। परिवार के लोग निजी अस्पताल के खिलाफ मुकदमा ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। आपको बता दें कि थाना फरीदपुर के गांव दीपपुर के गोविंद 10 जुलाई को अपने घर से खल्लपुर की बाजार गए थे। खल्लपुर की पुलिया पर अज्ञात वाहन ने गोविंद को टक्कर मार दी। बरेली के एक निजी अस्पताल की एंबुलेंस ने गोविंद को भर्ती करा आयी। परिवार के लोग तीन दिन बेटे को खोजते रहे। इसके बाद उन्हें बरेली के एक निजी अस्पताल में बेटे के भर्ती होने की जानकारी मिली। इस दौरान अस्पताल में लाखों का बिल हो गया। परिवार के लोगों ने गहने गिरवीं रखकर निजी अस्पताल का बिल जमा किया। आरोप है इसके बाद उन्होंने दूसरे एक निजी अस्पताल में बेटे को भर्ती कराया। परिजनों ने बताया कि वहां के डॉक्टरों ने गले में जमा कफ को साफ करने के लिए नली लगाई। दूसरे दिन अस्पताल ने हजारों का बिल बता दिया। परिवार के लोग अस्पताल से छुट्टी कराने को कहने लगे। आरोप है इसके बाद अस्पताल के कर्मचारी बौखला गए। उन्होंने छुट्टी करने के बाद भी गले से नली नहीं निकाली। परिवार के लोग बेटे को घर लेकर पहुंचे। उन्हें गले के अंदर नली पड़ी होने का एहसास नहीं था। नली पड़ी होने की वजह से घायल की दम घुटने लगी। परिवार के लोग सरकारी अस्पताल लेकर दौड़े। यहां के डॉक्टर बासित अली ने इलाज शुरू किया। वह नली निकालने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान गोविंद ने दम तोड़ दिया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. बासित अली ने बताया कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने घोर लापरवाही करते हुए युवक के गले में बलगम साफ करने के लिए डाली गई ट्विंकल ट्यूव नहीं निकाली। मैंने दम घुटते देख गले से नली निकालने की कोशिश की। इसी दौरान उसकी मौत हो गई।।

बरेली से कपिल यादव

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