सीतापुर/ रेउसा- क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते घाघरा एवं शारदा नदियों का जलस्तर सोमवार को फिर से बढने लगा गांजर क्षेत्र की नदियां अपने पेट से उफान पर चल रही हैं। नदियों के इस आंख मिचोली खेल को देखकर तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने का डर सताने लगा है। नदियों की डरावनी आवाजें ग्रामीणों को भयभीत कर रही हैं। अगर इसी तरह के इन नदियों का जलस्तर बढ़ता रहा तो रात तक नदिया अपने पेट से पानी का रुक गांव की तरफ बढ़ा देगी। जिससे गांवों के आवागमन करने वाले ग्रामीणों के सामने समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाएंगे गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न हो जाएंगे। घाघरा नदी के कटान के मुहाने पर जटपुरवा के मुख्तार व मोबिन के घर निशाने पर लगे हुए हैं किसी भी समय इन घरों का अस्तित्व नदी में समाप्त हो जाएगा। वहीं किसानों के खेतों में नदिया धीमी गति से कटान कर रही है। जैसे स्वर स्वर्गीय रतन बाबू, अकबर अली, हैदर अली, जगदीश, ताहिर, जोधे आदि की कृषि योग्य भूमि का कटान कर रही है। म्योढी छोलहा गांव के श्रीराम पुरवा, गुडियन पुरवा, धूस पुरवा पसीना पुरवा गाँव की तरफ शारदा नदी का पानी धीमी गति से बढने लगा है। वहीं म्योढी छोलहा के पास किशोरगंज के पूर्व विधायक किशोरी लाल शुक्ला, हामिद अली, हसन अली, जागेश्वर बदलू के खेतों में धीमी गति से कटान हो रहा है। म्योढी छोलहा से ताहपुर जाने वाले संपर्क मार्ग के किनारे खेतों में बसे धूस पुरवा के कटान पीडि़त ग्रामीणों के घरों की तरफ बाढ़ का पानी धीमी गति से गांव में प्रवेश कर रहा है। ताहपुर के करीब दो दर्जन किसानों के गन्ना व धान फसल लगे खेत घाघरा नदी बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गए। गांव के ग्रामीण किसान ज्ञान दुबे, रामेंद्र कुमार, प्रहलाद, राज किशोरी, विनोद, कृपाशंकर, राम विजय, ज्ञानू बदलू, अमृतलाल, सोबरन लाल, रामेंद्र मिश्रा, कुन्नी, उपेंद्र कुमार, प्रेम कुमार, कन्हैया लाल, सीहाती, राम भूषण, देवेंद्र कुशाल, श्याम किशोर, दीपू, रामनरेश, अवधेश, हरिद्वार, भगोला देवी, महेश्वर, भुलाई, कौशल सहित किसानों की भूमि, सहित फसलें बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गई हैं। गौलोक कोडर क्षेत्र के नगीना पुरवा गांव में किसानों की फसल योग्य भूमि पर घाघरा नदी धीमी गति से कटान कर रही है। इसके साथ काशीपुर, मल्लापुर, कमरिया, शेखुपुर, बढ़ई पुरवा सहित तटवर्ती इलाकों में तीनों नदियां उफान पर चल रही हैं। क्षेत्र में बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं दिखाई दे रहे हैं। अगर इसी तरह से इन नदियों का जलस्तर बढ़ता रहेगा तो बाढ़ का पानी करीब 400 गांवों में पानी घुस जाएगा। क्षेत्रीय लेखपाल सदानंद वर्मा ने बताया नदियों का जलस्तर उफान पर चल रहा है। अगर इसी तरह से इन नदियों का जलस्तर बढ़ता रहेगा तो रात तक नदियों का पानी गांव की तरफ फेंक देगा। जिसके चलते बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाएंगे। क्षेत्र में तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों को लगातार प्रशासन द्वारा जानकारी दी जा रही है की नदी उफान पर है किसी भी समय नदियों का पानी गांव की तरफ बढ़ सकता है आप लोग एक सुरक्षित स्थान पर अपना आशियाना बना ले।
– रामकिशोर अवस्थी,सीतापुर