*अभी दोनों दावेदारों को ही पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से मिला है आश्वासन
* पार्टी के अन्य नेता भी दावेदारों की खुलकर पैरवी करने से रहे हैं कतरा
रुड़की/हरिद्वार – कांग्रेस में मेयर टिकट की जोड़-तोड़ चरम पर है। देखा जाए तो टिकट का मुकाबला काफी रोचक स्थिति में पहुंच गया है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का खेमा दुविधा में है कि वह एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा का समर्थन करें या फिर हंस राज सचदेवा का। अभी तक हरीश रावत खेमे ने दोनों दावेदारों को ही टिकट के प्रति आश्वासन दे रखा है। वैसे तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का हमेशा से ही यही रहा है कि वह एक समय में दो दो तीन तीन नेताओं को भरोसे में रखते हैं। यह बात अलग है कि जिसे उन्हें टिकट देना या दिलाना होता है। उसका नाम वह जुबां पर नहीं लाते। यहां तक कि अपने समर्थकों को भी आभास नहीं होने देते। यदि देखा जाए तो अभी तक की स्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अधिकतर समर्थक हंसराज सचदेवा के साथ खड़े हैं जबकि उनके ही कुछ खास सिपहसालार पूर्व राज्यमंत्री एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा या उनके पुत्र रजनीश शर्मा को टिकट दिए जाने की पैरवी कर रहे हैं। अब देखना यह है कि अंतिम समय में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खेमा इन दोनों में से किस दावेदार के साथ खुलकर सामने आता है। पूर्व मुख्यमंत्री भी प्रदेश अध्यक्ष के कान में किसका नाम सुझाते हैं। कांग्रेस में देखा जाए तो पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी दावेदारों की खुलकर पैरवी करने से कतरा रहे हैं। इसीलिए उनके पास जो भी दावेदार जा रहा है वह उसे ही टिकट का आश्वासन दे रहे हैं। यह बात दीगर है कि सभी वरिष्ठ नेताओं की डायरी में उनके पसंदीदा दावेदार का नाम है जो कि वह अंतिम समय में प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को सौंपने की तैयारी में है। अभी तक की जोड़-तोड़ चल रही है। उसमें पार्टी हाईकमान काफी असमंजस में है। वह समझ नहीं पा रहा है कि किस समीकरण के तहत रुड़की का रण जीता जाए। उसके जेहन में पंजाबी फैक्टर बार बार घूम रहा है। पार्टी हाईकमान इस बात को पूरी तरह मान रहा है कि पंजाबी फैक्टर से कांग्रेस आसानी से जीत हासिल कर सकती है। लेकिन भविष्य के चुनाव में कांग्रेस को इस समाज का वोट मिल जाएगा। इसको लेकर कांग्रेस नेतृत्व पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस के स्थानीय विधायकों ने भी कुछ यही जानकारी पार्टी हाईकमान को दी है। कांग्रेस में पंजाबी समाज के दावेदारों में मुख्य रूप से ओम प्रकाश सेठी ,अशोक चौहान, हंसराज सचदेवा के नाम है तीनों ही दावेदार अपने-अपने ढंग से मजबूत आधार रखते हैं। किसी के पास अपनी निजी टीम है तो किसी के पास कांग्रेस कार्यकतार्ओं का भरोसा तो कुछ के पास पार्टी से हटकर अपना भी मजबूत जनाधार है। जो की जीत दिला सकता है। इनके अलावा कांग्रेस में पूर्व मंत्री रामसिंह सैनी,सचिन गुप्ता , रश्मि चौधरी, हाजी सलीम खान पूर्व सांसद राजेंद्र बॉडी, पूर्व चेयरमैन दिनेश कौशिक, सुधीर शांडिल्य और पूर्व मेयर यशपाल राणा की पत्नी श्रेष्ठा राणा व एडवोकेट राजेंद्र चौधरी भी दावेदार है । जिसमें पूर्व चेयरमैन दिनेश कौशिक काफी सक्रिय हैं। उनके पुराने समर्थक उन्हें इस बार मेयर का चुनाव लड़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। दिल्ली के कांग्रेस के कुछ सीनियर नेताओं ने प्रदेश हाईकमान को जो नाम सुझाए हैं ।उसमें साफ कहा गया है कि यदि ब्राह्मण को टिकट देना है तो एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा या उनके पुत्र को टिकट दे दिया जाए । यदि अन्य को टिकट दिया जा रहा है तो यशपाल राणा की पत्नी श्रेष्ठा राणा को सिंबल दिया जाए। यदि पंजाबी फैक्टर के तहत टिकट दिया जा रहा है तो इसमें ओम प्रकाश सेठी को टिकट दे दिया जाए। जबकि कांग्रेस के प्रदेश के कई नेताओं ने अशोक चौहान ,हंसराज सचदेवा व दिनेश कौशिक के नामों को वरीयता दी है।
– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट