थाने के कारखास का आॅडियो हुआ वायरल, बारह हजार दो मुकदमे से हट जायेगा नाम

वाराणसी- मिर्जामुराद पुलिस अक्सर सुर्ख़ियो में रहती है। अभी कुछ माह पहले एक करखास से लाखो रूपये मांगने का आडियो वायरल होने पर उक्त कारखास व तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक को एसएसपी द्वारा निलम्बित करते हुए कारखास सिपाही (चालक) को जेल भेज दिया गया था। तब तक फिर से एक नया मामला मिर्जामुराद थाने पर तैनात एक नये कारखास सिपाही का सामने आ गया। जानकारी के अनुसार कोषड़ा निवासिनी एक युवती ने अपने तीन सगे भाइयो समेत सात लोगो के खिलाफ एसएसपी के यहा प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी जिस पर एसएसपी के आदेश पर मिर्जामुराद थाने में सात लोगो के खिलाफ कई धाराओ में मुकदमा दर्ज कर बिबेचना शुरू की गई बिबेचना अधिकारी एक थाने के सब इंस्पेक्टर द्वारा की जा रही है मगर कारखास शब्द भी अपने आप में एक हस्ती होता है साबित करने के लिये उक्त कारखास सिपाही ने गौर (बंगला) पर निवासी सोनू गौड़ से अपना रौब गांठते हुए उसके मोबाइल पर काल करके कई बार बारह हजार रूपये की मांग करने लगा और जब सोनू ने कहा की आप जानते है हमे फर्जी फसाया गया है तो और हमारे पास इतना रुपया भी नही है तो सिपाही कहा दो हजार ही दे दो और बाद में दे देना फिर क्या था दो हजार लेने के बाद उक्त सिपाही ने और रुपयो के लिए दबाव बनाना शुरू किया जब सोनू रुपया नही दे पाया तो पुलिस कर्मी सोनू को हड़काना शुरू कर दिया अब जब शुक्रवार को सिपाही कारखास का रुपया मांगने का आडियो वायरल हुवा तो सोनू के घर पुलिस दबाव बनाना भी शुरू कर दी। इतना ही नही मिर्जामुराद में वसूली का खेल अभी भी बदस्तूर जारी है अभी कुछ दिनों पहले कछवांरोड में भी हाईवे पर एक पुलिस कर्मी बकायदा ट्रक से वसूली कर रहा है ग्रामीणों ने बकायदा विडियो बना लिया। जब इस बावत किसी ग्रामीण ने पुलिस कर्मी से पूछा तो कहा की ऐसे ही लोग पुलिस वालो का विडियो बनाते रहते है क्या करेगे। हाईवे पर पोस्टिंग व कारखासी के लिए पुलिस कर्मी लगाते है बड़े बड़े जुगाड़ तब जाकर पेड़ कटाई का काम करने से लेकर रोड पर कोयला उतरवाने व अवैध मादक पदार्थ की बिक्री की के लिए बकायदा कारखास नियुक्त है। अब देखना है इस प्रकरण में उच्चाधिकारियो द्वारा क्या करवाई की जाती है। बताया जाता है की उक्त कारखास सिपाही पुरे दिन सादे कपड़े में कोई न कोई मुल्ला खोजकर अपना शिकार बनाता रहता है।प्रभारी निरीक्षक बैभव सिंह का कहना है की मुकदमे की विवेचना दरोगा करता है न की सिपाही और ऐसे कैसे पता चलेगा की सिपाही ही उस युवक से बात कर रहा है।

रिपोर्ट-:कमलेश गुप्ता रोहनिया वाराणसी

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