जंगल से पत्थर उठाकर किया जा रहा है पंचायतों में खकरी का निर्माण: खरीदी के लगाए जा रहे हैं बिल

वनभूमि- मजदूरों को रोजगार देने खकरी निर्माण के लिए पंचायतों में डाली गई है राशि

*वनभूमि – मजदूरों को रोजगार देने खकरी निर्माण के लिए पंचायतो में डाली गयी है राशि

मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा- दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा विकासखंड में खनिज संपदा का लगातार दोहन हो रहा है जिससे आज केवल वहां खनिज संपदा के नाम मैदान ही रह गया है लोगों ने कब्जा करने के उद्देश्य से वनभूमि पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है इस संपदा को खत्म करने में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक सचिव अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं जंगल की शान वहां फैले पत्थर होते हैं जिसका बड़े स्तर पर पंचायतों के कार्यों में परिवहन हो रहा है और बिल लगाकर भुगतान लिया जा रहा है इससे जंगल की भूमि पर कब्जा हो रहा है दरअसल शासन के द्वारा मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य से पंचायतों में पैसा जारी किया है जिससे खकरी निर्माण करनी है और मजदूरों को रोजगार देना है लेकिन सरपंच सचिव जंगल से पत्थर उठवाकर खकरी निर्माण करवाकर पत्थर खरीदी के बिल लगा रहे हैं।
पहले शांतिधाम और अब खेलमैदान में लगने लगे पत्थर
दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा ब्लॉक में हमेशा से पत्थरों का दोहन होता रहा है पहले तेन्दूखेड़ा ब्लाक की सभी ग्राम पंचायतों में पत्थरों से शांतिधाम का निर्माण कराया गया और अब खेल मैदान का निर्माण हो रहा है जिसमें खकरी के लिए पत्थरों को जंगल से उठाया जा रहा है इसके बाद भी वन विभाग और राजस्व विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
फर्जी बिल लगाकर हो रहा भुगतान
जिस तरह पूर्व में ग्राम पंचायतों में शांतिधाम और खेलमैदान में लगे पत्थर जंगल से उठाए गए थे और ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारों ने पत्थर खरीदी के बिल लगाकर उस दुकानदार से खरीदी होने के रूप में बड़ी राशि निकाली है उसी तरह इस बार भी खकरी में जो पत्थर लग रहा है वह जंगल और राजस्व सीमा से निकाला जा रहा है खकरी बनने के बाद बिल बैडरधारी के लग जाएंगे और पंचायत जंगल से उठाए पत्थरों के बिल बैडरधारी के बता देगी
एक हजार रुपये मीटर के हिसाब से होना है निर्माण
ग्राम पंचायतों में खकरी एक हजार रुपये मीटर के हिसाब से बननी है जिसका उद्देश्य है कि सार्वजनिक स्थानों का घेराव किया जा सकें इसमें किसानों के खेतों का घेराव करना है इस खकरी निर्माण में जो पत्थर लग रहा है वह जंगल से लाया गया है जब इसकी जानकारी मिली तो हमारी टीम ने झलौन सेहरी छिरकोना के साथ अन्य ग्राम पंचायतों की जानकारी ली लेकिन ऐसी कोई ग्राम पंचायत नहीं है जिसमें लगने वाला पत्थर खरीदा गया हो अब सवाल यह है कि यदि तेन्दूखेड़ा ब्लाक में राजस्व की जमीन पर कहीं पत्थर नहीं है तो जंगल से पत्थर लाए जा रहे हैं फिर जंगल की रखवाली करने वाले वनकर्मी क्या कर रहे हैं
झलौन वनपरिक्षेत्र अभी भी जारी है पत्थरों का उत्खनन
जहां एक और ग्राम पंचायतों में खकरी निर्माण कार्य में जंगल के पत्थरों की बात की जा रही है वही दूसरी ओर झलौन वनपरिक्षेत्र का एक मामला कुछ दिन पूर्व हमारे संवाददाता द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसमें मामला यह था कि झलौन वनपरिक्षेञ के अंतर्गत आने वाली डुकरसत्ता बीट में लॉकडाउन के समय से ही अवैध रूप से पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा था जहां बड़ी संख्या में पत्थरों का उत्खनन का कार्य जोरों पर चल रहा था जहां पर एसडीओ द्वारा बताया गया था कि 350 पत्थरों की जब्त की गई थी लेकिन अभी भी वहां से पत्थरों को निकाला जा रहा है वही झलौन रेंज में आने वाले पुरा बासा में भी पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है जहां से लोगों द्वारा पत्थर निकाला जा रहा है और वनकर्मी ध्यान नहीं दे रहे हैं इसी को लेकर पंचायतों की बन रही खकरी निर्माण में ध्यान जाती है कि आखिरकार पंचायतो में जंगल का पत्थर आ कहा से रहा है सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि झलौन वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुछ बीटों में अभी भी पत्थरों का रात रातों अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है लेकिन विभाग ध्यान देना जारी नहीं समझ रहे हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि पंचायतों में बन रही खकरी में जंगल से ही पत्थर आ रहा है और वनकर्मियों की पूरी मिलीभगत चल रही है और अपनी सरपंच सचिव के साथ अपनी भी जेब भर रहे हैं
इनका कहना
वही पत्थरों से निर्माण होने वाली खकरी के संबंध में तेन्दूखेड़ा के सहायक यंत्री केपी पटेल से बात की तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में खकरी बनाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरों को रोजगार देना है ग्राम पंचायत पत्थर कहा से ला रही है इसकी जानकारी नहीं है
केपी पटेल सहायक यंत्री जनपद तेन्दूखेड़ा दमोह

इनका कहना
इस मामले को लेकर दमोह वनमंडल अधिकारी विपिन पटेल का कहना है कि यदि इस तरह का मामला है तो वे स्वयं मौके पर जाकर जांच करेंगे
विपिन पटेल वनमंडल अधिकारी दमोह मप्र
वहीं दूसरी ओर जब झलौन वनपरिक्षेत्र में हो रहे पत्थरों के अवैध उत्खनन के संबंध में तथा पेड़ों की कटाई के संबंध या फिर किसी भी प्रकार की जानकारी देने के लिए झलौन के प्रभारी रेंजर यू.के खान से बात करने के लिए इन 9131451275-7771006795 – दोनों नंबर पर संपर्क करते हैं तो रेंजर साब फोन काट देते हैं या फिर रिसीव नहीं करते हैं जिसके कारण किसी भी खबर के संबंध में बात नहीं हो पाती है।

– विशाल रजक मध्य प्रदेश

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