चैत्र नवरात्र: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, बिना मास्क के मंदिरों मे नहीं मिलेगा प्रवेश

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो रहे है। नवरात्र के नौ दिनों मे मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना होगी। मां अपने भक्‍तों पर कृपा बरसाएंगी। भले ही कोरोना संक्रमण के कारण कुछ पाबंदियां रहेंगी लेकिन भक्‍तों में आस्‍था की कमी नही है। घरों मे भी समारोह पूर्वक नवरात्र मनाने की तैयारी जोरों पर है। चैत्र नवरात्र और नव संवत्सर की शुरूआत मंगलवार से शुरू होगी। प्रतिपदा तिथि सोमवार की सुबह 8 बजे से लग गई है, जो मंगलवार की सुबह 10:16 तक रहेगी। 13 अप्रैल को सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि होगी, इसलिए मंगलवार को ही कलश स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा। इस बार नवरात्र में किसी भी तिथि का क्षय नही है यानी नवरात्र नौ दिनों का होगा। 21 अप्रैल को नवमी तिथि पर प्रभु राम का जन्मोत्सव राम नवमी स्वरुप में मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कलश स्थापना के लिए 13 अप्रैल को प्रात: 5:42 से 9:56 तक 11:38 से 12:29 दोपहर तक अभिजित मुहूर्त है। वहीं दूसरी ओर मंगलवार से शुरू हो रहे वासंतिक नवरात्र में इस बार भोर मे चार बजे की जगह सुबह छह बजे के बाद ही दर्शन हो सकेंगे।हालांकि मंदिर कमेटियों ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर कमेटियों ने शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ ही बिना मास्क के मंदिर में प्रवेश न दिए जाने की तैयारी की है। इसके साथ ही मंदिर कमेटियों ने इस बार बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जल, पुष्प व प्रसाद न चढ़ाने की अपील की है। सभी से केवल हाथ जोड़कर प्रार्थना करने को कहा गया है। शहर के सुभाष नगर में स्थित चौरासी घंटा मंदिर के पुजारी रविंदर मोहन गर्ग ने बताया कि नवरात्र पर विधि-विधान से पूजन करने के साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए केवल तीन लोगों को ही एक बार में प्रवेश मास्क लगाए होने पर ही दिया जाएगा। कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी नितिन गौड़ ने बताया कि एक बार में शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए एक बार में पांच लोगों को मास्क लगाने व हाथ सैनिटाइज करने पर बेरिकेडिंग से ही दर्शन होंगे। राजेंद्र नगर बांके बिहारी मंदिर कमेटी के मीडिया प्रभारी संजय अरोरा ने बताया कि मंदिर में शासन की गाइडलाइन के मुताबिक दर्शन की व्यवस्था की गई है। केवल पांच लोगों को मास्क लगाने व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन की अनुमति मिलेगी। मंदिर में इस बार भक्त न तो जल, पुष्प व प्रसाद चढ़ा सकेंगे। केवल हाथ जोड़कर ही प्रार्थना करनी होगी। फतेहगंज पश्चिमी के मोहल्ला साहूकारा स्थित मढ़ी मंदिर के पुजारी प्रहलाद अग्रवाल ने बताया कि मंदिर मे मास्क लगाने व शारीरिक दूरी के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा। ज्योतिषाचार्य ने कहा कि 5 अप्रैल रात्रि 1:50 पर गुरु कुंभ राशि में प्रवेश कर लिए हैं। जो 13 सितंबर तक कुंभ राशि में ही रहेंगे। इसके कारण कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे कम होगा। 14 सितंबर को देवगुरु बृहस्पति फिर से एक बार फिर अपनी नीच की राशि मकर में प्रवेश करेगा जिससे कुछ स्थानों पर कोरोना का प्रकोप फिर से दिखाई देगा। 20 नवंबर 2021 की रात्रि में देवगुरु बृहस्पति अपनी नीच राशि में छोड़ कर शनि की राशि कुंभ में प्रवेश कर लेंगे उसके बाद से कोरोना संकट पूरी तरह से समाप्ति की ओर चल देगा, तब तक सावधानी से रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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