घाघरा/शारदा के बढते जलस्तर का मंजर झेल रहे सैकड़ो गांव के लोग:सरकारी दावे हुए खोखले साबित

*कोनी गांव का अस्तित्व खतरे में

*लोग कर रहे अपनी-अपनी प्राइवेट नावों से पलायन,नात रिस्तेदारो का ले रहे सहारा

रेउसा(सीतापुर) – वैराजो से छोड़े गये पानी से घाघरा/शारदा नदियों का जल करीब125गांवो में तबाही मचा दिया।दुर्गा पुरवा, कोनी, पासिन पुरवा, गार्गी पुरवा, लोधन पुरवा, कटैला पुरवा, भगत सिकोरहर,सम्बारी पूरवा,जंगल टपरी,परमेश्वर पुरवा, चौकी,श्याम नगर,सलामत पुरवा, ठेकेदार पुरवा, जैतहिया,मरैली,विल्लर नगर,मुंसी पुरवा, सुकई पुरवा,मेवड़ी छोलहा, कोल्हुआ पुर, आदि गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर घरो के कमर,घुटनो तक तबाही का सबब बन हुआ।रास्ते भी जलमग्न,सड़को पर तेज धार चलने से सड़के,रास्ते,पुलिया कट गई।जिससे लोगो का सम्पर्क मार्ग टूट गया।लोगो अपनी अपनी नावों/नात रिस्तेदारो का सहारा लेना पड़ रहा।सरकार व अधिकारियों के बड़े बड़े किये जा रहे दावो की बाढ़ ने पोल पट्टी खोलकर वेनकाब कर दिया।कही कोई सरकारी मद्त नजर नही आई।प्रभावित लोगों ने बताया जन प्रतिनिधि,सिंचाई मंत्री मारूबेहड़ चौराहे,तथा सूखे स्थान से ही मुयना कर लौट जाते।स्थानीय लगाए गए अधिकारी,कर्मचारी,लेखपाल प्रभावित लोगों की सच्चाई को छुपाते रहते।उच्च अधिकारियों,जनप्रतिनिधियो को सच्चाई से रूबरू ही नही कराते।न जा पाने की बात कहकर बरगला कर लौटा दिया जाता।बाढ़ का दंश झेल रहे मंजर घाघरा के कहर बनकरलोगो के दुखदर्द को बताया ही नही जाता।लोगो मे हाहा कार मचा हुआ।नावों ,तख्तो पर भोजन, करते,खाना बनाते देखा जा रहा।घर से बाहर तक पानी ही पानी नजर आ रहा।80हजार बीघे जमीन फसल लगी डूबी हुई है।कोनी गांव का अस्तित्व खतरे में है।घाघरा का कहर इस कदर जारी है।कि लोग अपना अपना आशियाना उजाड़ कर घरेलू सामान समेटकर अपनी अपनी व रिस्तेदारो का सहारा लेकर पलायन कर रहे।सरकार की कोई मद्त नही।लोगो द्वारा बताया जा रहा।है।कि अगर यही तांडव नदियों का जारी रहा।तो करीब200गांवो पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा सकता।तबाही ही तबाही का मची है।दो तीन किलोमीटर दूर से ही पानी ही पानी घाघरा का नजर आ रहा।आवादी के करीब का नजारा कुछ और ही बया करता।तहसीलदार ग्रीश झा ने बताया।प्रभावित इलाकों में सरकारी नावे लगा दी गई।राहत सामग्री बांटने का भी कार्य बहुत जल्द प्रभावित इलाकों में कर दिया जाएगा।

रामकिशोर अवस्थी सीतापुर

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