कोरोना महामारी ने छीना कारोबार, राखी विक्रेता मायूस व मिठाई कारोबार ठप

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। जब से कोरोना का कहर बरपना शुरू हुआ है। तब से हर त्यौहार का उत्साह नहीं के बराबर है। पूरा सावन इस बार बिना किसी उत्साह के बीत गया और कोरोना महामारी के असर से भाई बहन का सबसे बड़ा रक्षाबंधन त्यौहार पर भी दिखाई देने लगा है। दूरदराज से लोगों के बाजार में न आने के कारण हजारों की संख्या में राखी सजाएं दुकानदार इस बार मायूस है। वही कोरोना काल में लोगों ने मिठाई से भी दूरी बना रखी है। इससे मिठाई बाजार भी ठंडा पड़ा है। इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार सोमवार को है। इससे पहले शनिवार और रविवार के लॉकडाउन का भी प्रभाव मिठाई कारोबार पर पड़ना तय है।
60 फीसदी गिरा राखी का व्यापार
बीते सालों में रक्षाबंधन पर्व के एक सप्ताह पहले ही बाजार में राखी सज जाया करती थी।लोग इस बाबत खूब जमकर राखियों की खरीदारी कर लेते थे। मगर इस साल कोरोना के चलते राखी की दुकानों पर रौनक नहीं दिख रही है। व्यापारी दुकानें सजाए बैठे हैं लेकिन ग्राहकों के न होने से उनकी बिक्री नहीं हो पा रही है। व्यापारियों का कहना है कि इस बार राखी खरीदने वालों की संख्या बीते सालों में बहुत कम है। इस बार करीब 60 फ़ीसदी व्यापार नीचे आ गया है। बीते सालों में राखी से एक सप्ताह पहले 50 फ़ीसदी से ज़्यादा व्यापार कर लेते थे। इस बार 10 फ़ीसदी व्यापार भी मुश्किल से हुआ है।
नहीं निकल पा रही राखी की लागत
राखी के व्यापारियों का कहना है कि इस बार एक तो महंगी राखियां आई हैं। उस पर अभी तक राखी की कीमत नहीं निकल पाई है। कई लोगों ने बताया कि इस बार ज्यादातर घर में ही तैयार राखियों को तवज्जो दे रहे हैं। रक्षाबंधन में 6 दिन बचे हैं। कई दुकानों पर राखियां सजाई जा रही हैं। इस बार बाजार में राखियों के नए डिजाइन नहीं आए और पिछले साल की तुलना में भी दामों में भी बढ़ोतरी है।
लोगों ने मिठाइयों से की तौबा, 70 फीसदी घटा कारोबार
कोरोना संकट के बीच लोग इम्यूनिटी बढ़ाने में जुटे हुए हैं। इसके लिए मिठाई से भी परहेज कर रहे हैं। हलवाईयों के पास काफी कम ग्राहक आ रहे हैं। जिसका असर कारोबार पर पड़ रहा है। हालात यह है कि मिठाई का कारोबार पहले से 70 फ़ीसदी तक कम हो गया है। ऐसे में दुकानदारों के लिए खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। विवाह व अन्य समारोह न होने के कारण मिठाई की मांग में भारी कमी आई है। दुकानदारों को यह भी लगता है कि इस बार रक्षाबंधन पर भी कारोबार सामान्य के मुकाबले फीका ही रहेगा। कोरोना ने मिठाई कारोबार की रीड तोड़ दी है। ग्राहक मिठाई खाने से परहेज कर रहे हैं। जिन प्रतिष्ठानों पर कोरोना से पहले करीब ढाई सौ प्रकार के मिठाई बनाई जा रही थी जो अब 70 पर ही सिमट गई है। इस बार रक्षाबंधन पर भी मिठाई कारोबार बीते सालों से काफी गिरा हुआ है। रक्षाबंधन को 6 दिन शेष रह गए हैं। बीते सालों में एक सप्ताह पहले प्रतिष्ठानों पर लेबर से मिठाई बनवाना शुरू कर दिया जाता था। मगर इस बार बिक्री कम होने की आशंका से मिठाई कारोबारी रिस्क नहीं लेना चाह रहे। हर हफ्ते के वीकेंड शनिवार और रविवार को दो दिवसीय लॉकडाउन रहता है। इसमें भी मिठाई की बिक्री पर काफी प्रभाव पड़ा है। रविवार को छुट्टी के कारण मिठाई की काफी बिक्री रहती थी लेकिन अब रविवार को सरकार ने लॉकडाउन कर दिया है। इससे भी बिक्री प्रभावित हुई है। लेबर की भी किल्लत है। इसके साथ ही लेवर महंगी मिल रही है। इससे खर्च बढ़ रहे हैं और आमदनी कम हो रही है। मिठाई कारोबारियों का आर्थिक संकट मंडरा रहा है।।

बरेली से कपिल यादव

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