काफी प्रयास के बावजूद भी नहीं बच सकी मासूम बच्ची की जान

मड़िहान/ मीर्जापुर-सन्तनगर पुलिस चौकी क्षेत्र के सहरसा गांव में खुले बोरबेल में गिरने से दो वर्ष की मासूम बच्ची की मौत हो गयी ।बताया जाता है बोरबेल में लगभग 70 फिट नीचे चले जाने पर बच्ची बोरबेल के अन्दर काफी देर तक जीवित रही जो कि रोने की आवाज बाहर आती रही किन्तु प्रशासन द्वारा काफी देर बाद निकालने के लिये प्रयास किया गया जिससे मासूम बच्ची अन्दर ही – अन्दर मौत की जंग से हार गयी । जिससे मासूम बच्ची दीपांजलि की मौत आखिरकार होई गयी।प्रशासन द्वारा बच्ची को बोरबेल में से निकालने के लिये जेसीबी से घण्टो खुदाई कराई गयी किन्तु फिर भी सफल नहीं हुये।वही प्रशासन ने वाराणसी से एनडीआरएफ टीम को बुलाया किन्तु एनडीआरएफ टीम घटना के 6 घण्टो बाद मौके पर पहुँची व निकालने हेतु काफी अपने मशीनरी यन्त्र लगाकर बोरबेल के अन्दर डाला फिर भी नाकाम साबित हुई जबकि घण्टो चली एनडीआरएफ टीम के प्रयास के बाद एनडीआरएफ टीम की मशीनरी यन्त्र भी फेल हो गये जिसके बाद रस्सी व सरिया डालकर किसी तरह मासूम बच्ची को बाहर निकाला गया तथा बाहर निकालते ही बच्ची को इलाज हेतु एम्बुलेंस द्वारा मण्डलीय अस्पताल ले जाया गया जहाँ डाक्टरों ने मासूम बच्ची को मृत घोषित कर दिया।वही घटना स्थल पर जिलाधिकारी विमल कुमार दुबे,पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी, अपर जिलाधिकारी वित्त राजित राम उपजिलाधिकारी मड़िहान सविता यादव ,उपजिलाधिकारी चुनार,अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह, सीओ नक्शल केपी सिंह, लालगंज थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव,मड़िहान थानाध्यक्ष के0के0सिंह,चौकी प्रभारी पटेहरा उमाशंकर गिरी के साथ दर्जन भर लेखपाल घटना स्थल पर देर रात तक डटे रहें।

मासूम बच्ची के परिजनों के दर्द जानने भी नहीं पहुँच सके जिले के जनप्रतिनिधि

सन्तनगर पुलिस चौकी
क्षेत्र के सहरसा गांव में हुये घटना के दिन नही मिल सका स्थानीय विधायक व सांसद को समय बताया जाता है कि चुनाव के पहले तो काफी सुख – दुःख में शामिल होने की बात कर जनता का मत लेकर जनप्रतिनिधि जीत कर जाते है किन्तु चुनाव जीतने के बाद जनता का दर्द जानने के लिये स्थानीय सांसद विधायक को समय नहीं है।वही क्षेत्र की जनता ऐसे में नहीं भूल सकी पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी के कार्यो को।बताया जाता है कि विधायक रहते किसी के द्वारा जनता की समस्याओं तथा इस तरह की घटनाओं पर तत्काल पूर्व विधायक परिजनों के घर पहुँच आर्थिक मदद से लेकर प्रशासनिक मदद तक कराने में सहयोग करते रहे किन्तु आज के विधायक जनता का दर्द भी जानने की कोशिश नहीं कर सके।

समय से मिल जाता मासूम बच्ची को ऑक्सीजन तो बच सकती थी मासूम की जान
सन्तनगर पुलिस चौकी क्षेत्र के सहरसा गांव में बोरबेल में गिरी बच्ची को यदि प्रशासन द्वारा बिना देर किये ही तत्काल आक्सीजन दिला दिया गया होता तो शायद मृतक मासूम के माँ का गोद आज खाली ना होता लेकिन परिजनों के द्वारा घटना की जानकारी मिलने के घण्टो बाद तक जनपद का कोई सक्षम अधिकारी मौके पर जाना ही नहीं चाहा जिससे मासूम की मौत बोरबेल में फंसे रहने कारण हो गयी।जबकि मजे कि बात तो यह है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के संसदीय क्षेत्र में भी स्वास्थ्य विभाग आक्सीजन तक देने में काफी घण्टो लगा दिये जिससे मासूम बच्ची के माँ की गोद खाली हो गयी।

रिपोर्ट-सुभाष मिश्रा मिर्जापुर

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