एसी कमरे की बजाय लॉन में खड़े होकर सुनीं उप मुख्यमंत्री ने लोगों की समस्याएं

*जननायक के जमाने की यादें ताजा कर दी दुष्यंत ने
*बेटा तेरा परदादा भी न्यू ए लोगां के बीच में सुणया करदा-दुख-दर्द

हिसार/ हरियाणा – प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जन समस्याएं सुनने के लिए सोमवार को पहली बार हिसार पहुंचे तो उनका अलग अंदाज देखने को मिला। उन्होंने रेस्ट हाउस के एसी कमरे की बजाय लॉन में खड़े होकर लोगों की समस्याएं सुनीं तो लोगों के जहन मेंजननायक स्व. देवीलाल के जमाने की यादें ताजा हो उठीं।
दरअसल दुष्यंत चौटाला को सोमवार को लोगों की समस्याएं सुनने के लिए पीडल्ब्यूडी रेस्ट हाउस में आना था। जनता भी समय अनुसार रेस्ट हाऊस पहुंच गई। लोग अपनी समस्याएं उप मुख्यमंत्री के समक्ष ठीक से रख सकें और उनकी समस्याओं का समाधान हो, इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए थे। जिला प्रशासन की ओर से रेस्ट हाउस के एसी कमरे में कुर्सियों की व्यवस्था की गई थी। माइक लगाए गए थे।
जिला प्रशासन का पूरा अमला दुष्यंत की इंतजार में रेस्ट हुाऊस में मौजूद था। दुष्यंत के समक्ष अपनी समस्याएं रखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। जैसे ही दुष्यंत चौटाला रेस्ट हाउस पहुंच और पूरा प्रशासन रेस्ट हुाऊस के मुख्य गेट पर उनके स्वागत के लिए खड़ा था।
दुष्यंत चौटाला का काफिला दोपहर रेस्ट हाउस पहंचा और उप मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी से उतरे। वे रेस्ट हाउस के हाल कमरे में पहुंचने की बजाय वहां बाहर मौजूद लोगों के बीच पहुंच गए और उन्होंने रेस्ट हाउस के लॉन में लोगों की समस्याएं सुननी शुरू कर दी।
उप मुख्यमंत्री को रेस्ट हाऊस के कमरे की बजाय लॉन में पहुंचा देख प्रशासनिक अधिकारी भी भौचक्के रह गए और वे आनन-फानन में लॉन कुर्सी लेकर लॉन में पहुंचे। अधिकारियों ने दुष्यंत चौटाला के बैठने के लिए लॉन में कुर्सी मंगवाई परन्तु दुष्यंत ने कहा..नहीं मैं लोगों के बीच खड़ा होकर ही उनकी समस्याएं सुनूंगा।
दुष्यंत ने लॉन में ही करीबन 48 मिनट तक लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान पुलिस अधिक्षक शिव-चरण शर्मा, जिला उपायुक्त का कार्यभार संभाल रहे एडीसी उत्तम सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी दुष्यंत के साथ लॉन में खड़े रहे और दुष्यंत चौटाला अधिकारियों को लोगों की समस्याएं सुलझाने के निर्देश देते रहे।
दुष्यंत चौटाला का यह अंदाज देख गांव बालसंमद वासी 82 वर्षीय चंदगीराम के मुंह से अनायास ही निकल पड़ा-बेटा तन्नै त ताऊ के जमाने याद करा दी, तेरा परदादा देबीलाल भी न्यूं ए लोगों के बीच खड़ा होकै उनका दुख दर्द सुणया करदा।

– अनूप कुमार सैनी

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