एडीजी वाराणसी द्वारा विश्व की पहली आपराधिक डाटाबेस प्रणाली ”पहचान” की हुई लांचिग

मिर्जापुर-पुलिस अधीक्षक मीरजापुर व इनोडल सोल्यूशन के डेवलपर चिराग शाह के द्वारा निर्मित विश्व की पहली आपराधिक डेटाबेस प्रणाली का शुभारम्भ पुलिस लाईन वाराणसी के सभागार में वाराणसी जोन के 10 जिलो के डीसीआरबी व स्वाट टीमों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजित किया गया जिसका अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन द्वारा शुभारम्भ किया गया । पहचान एप्प को वाराणसी जोन के पायलट 10 जिलों में लान्च किया जाएगा और दिनांक 21 मई तक जोन के 10 जिलों को पहचान एप्प के माध्यम से डाटाबेस की फींडिंग के निर्देश दिया गया ।
पहचान एप्प को मोबाइल व कम्प्यूटर सिस्टम दोनो के माध्यम से संचालित किया जा सकता है । इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है ।
पहचान एप्प पुलिस विभाग व आम नागरिक ( होटल मालिक ) के लिए बहुत उपयोगी है । पुलिस विभाग में सभी जनपद के समस्त थानों को एक लॉगिन मिलेगा । थानें उस लॉगिन आईडी व पासवर्ड की मदद से आपराधियों के डाटा एवं फोटो खीच कर उसकी फींडिंग करेंगे । जनपद के डीसीआरबी व स्वाट टीम द्वारा जनपद के थानों में पहचान एप्प के प्रयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा ।
होटल मालिक के पास उनके होटल में एक आगन्तुक रजिस्टर होता है जिसमें वह आने वालें लोगों की जानकारी दर्ज करता है, उक्त जानकारी पहचान एप्प में वह आने वालें व्यक्ति की फोटो खीच कर डाटाबेस मंं उसकी फींडिंग करेगा, इससे होटल मालिक को आनलाईन रजिस्टर भी प्राप्त हो जाएगा जिसका डाटाबेस पुलिस को प्राप्त हो जाएगा । प्राप्त डाटाबेस से पुलिस को यह पता चलने में सहायता मिल जाएगी की उस होटल में रहने वाला व्यक्ति अपराधी है या नही ।
*क्या है पहचान एप्प ?*
इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है। पहचान एप द्वारा पुलिस सक्रिय अपराधी, डीसीआरबी रिकार्डस, अपराधी को जेल भेजते समय फोटो खींच क्रिमिनल डाटाबेस बना सकती है। जब भी पुलिस किसी संदिग्ध व्यक्ति को चेकिंग या किसी अन्य कारण से पकड़ती है, वह फोटो खींच कर पता कर सकती है कि यह व्यक्ति अपराधी है कि नहीं, वह कहां-कहां पहले पकड़ा गया था। इसमें फोटो व टेक्स्ट के आधार पर सर्च दोनों उपलब्ध है । मोबाइल व कंप्यूटर दोनों पर इंटरफ़ेस है. एस्तेमाल करना बेहद आसान. सर्च करने का फ्लेक्सिबल क्राइटेरिया जैसे जिला, जिले के आस पास के जिले , रेंज , जोन, स्टेट के आधार पर , अपराध के प्रकार के आधार पर उपलब्ध है-
*Citizen App* *सत्यापन*
पहचान का Citizen App और भी काम का है। इसके द्वारा किरायदार के सत्यापन की समस्या समाप्त हो जाएगी,व जनता पुलिस की मदद भी कर सकगी। जनता किसी भी संदिग्ध आदमी का फोटो खींचकर पता कर सकती है कि वह व्यक्ति पुलिस रिकार्ड में क्रिमिनल है या नही। इससे होटल में कोई भी आदमी जब अपना ID कार्ड देता है तो यह उसका फोटो खींचकर चेक कर सकते हैं कि यह व्यक्ति क्रिमिनल है कि नहीं। यह व्यक्ति पुलिस डाटा बेस में है कि नहीं। जनता किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का फोटो खींच कर देख सकती है, कि यह व्यक्ति पुलिस रिकॉर्ड में मौजूद है कि नहीं। इससे किरायेदार सत्यापन,व किसी भी प्रकार का सत्यापन जनता स्वयं कर सकती है, मसलन एक विदेशी टूरिस्ट गाइड को चेक कर सकता है, एक लड़की टैक्सी ड्राइवर को चेक कर सकती है, एक मकान मालिक किरायेदार सत्यापन कर सकता है, दरवाजे पर आए हुए आदमी का सत्यापन कर सकता है, इसका फायदा पुलिस को भी होगा क्योंकि आम जनता तत्काल 100 नं0 पर काँल कर संदिग्ध आदमी को जेल की हवा खिला सकती है। इसकी सहायता से पुलिस का मुखबिर सिस्टम पुर्नजीवित हो सकता है।
*होटल आगंतुक डेटाबेस*
आज भारत में सुरक्षा एक समस्या है. अमूमन यह देखा जाता है कि किसी शहर की सुरक्षा की दृष्टि से होटलों में जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनका सत्यापन बहुत जरूरी है . अभी तक, होटल मालिक जो लोग होटलों में आ रहे हैं, उनका डिटेल अपने रजिस्टर में रखते हैं. पर यह रजिस्टर पुलिस के साथ यदाकदा शेयर किया जाता है. जब पुलिस होटलों की चेकिंग करती है, तभी यह पुलिस से शेयर किया जाता है.
लोकल इंटेलिजेंस यूनिट भी इन रजिस्टरों को रेगुलरली नहीं देख सकती, इसलिए कभी भी पुलिस के पास में यह डाटा बेस नहीं होता कि किस शहर के होटलों में कौन कौन रह रहा है. परिणामतः, लाइव डेटाबेस तो कभी भी नहीं होता.
होटल मालिक भी अधिकतर रजिस्टर का उपयोग करते हैं. कुछ होटल कंप्यूटर का उपयोग करते हैं पर वह डाटा केवल उनके कंप्यूटर तक सीमित रह जाता है.
स्मार्ट ई पुलिस एप होटल मालिकों को एक ऐसा समाधान देता है जिसमे होटल मालिक अपना लॉगइन करके अपने होटल में आने वाले जो भी आगंतुक है,पहचान एप द्वरा उनकी फोटो नाम पता मोबाइल नंबर नोट कर सकते हैं. इससे ऑटोमेटिकली होटल में आने वाले आगंतुकों का अप टू डेट रजिस्टर बनता जाएगा.
चूंकि एक तरफ, होटल मालिकों को फ्री में आगंतुक रजिस्टर सॉफ्टवेयर मिल जाएगा. अतः होटल मालिक इसका उपयोग अवश्य करेंगे. दूसरी तरफ, क्योंकि यह पुलिस की एप्लीकेशन है, इसलिए जैसे जैसे होटल वाले डेटा फीड करते जाएंगे, वैसे वैसे ऑटोमेटिकली पुलिस के पास कण्ट्रोल रूम में डैशबोर्ड पर id,फोटो, नाम, पता व मोबाइल नंबर रजिस्टर होता जाएगा.
जनपद व जनपद के आसपास के जनपदों के क्रिमिनल्स डेटाबेस से होटल में आने वाले हर आगंतुक का मैच भी होता जायेगा. होटल मालिक व पुलिस को अलर्ट लगातार मिलते रहेंगे की कोई क्रिमिनल शहर में आया है कि नहीं और कहाँ है. साथ ही, पुलिस के पास लाइव डेटाबेस होगा की शहर के अन्दर कौन कौन लोग हैं.
इससे आतंकवाद, अपराध रोकथाम में मदद मिलेगी व शहर सुरक्षित महसूस करेगा.
– बृजेन्द्र दुबे की रिपोर्ट मिर्जापुर से

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