बरेली-आंवला लोकसभा सीट पर थमा प्रचार, बरेली सीट पर 19.24 लाख मतदाता, आंवला सीट पर 18.91 लाख वोटर

बरेली। बरेली और आंवला लोकसभा सीट पर रविवार की शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया। दिन भर प्रत्याशियों ने प्रचार के आखिरी दिन जुलूस व रोड शो निकाले। बरेली सीट पर बसपा का प्रत्याशी नही है। ऐसे मे यहां फाइट भाजपा और सपा के बीच ही है। बरेली से भाजपा ने पूर्व विधायक छत्रपाल गंगवार को प्रत्याशी बनाया है। वही सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है। बरेली सीट पर भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार की राजनीति पर नजर डाले तो बहेड़ी विधानसभा सीट से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। साल 2007 में सपा के अताउर रहमान को और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार नसीम अहमद को उन्होंने मात दी थी। पेशे से शिक्षक रहे छत्रपाल की किसानों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। बरेली सीट पर सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन भी सपा में सबसे मजबूत नेता माने जाते हैं। वह वैश्य बिरादरी से है। बरेली सीट पर वैश्य बिरादरी भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रवीण सिंह ऐरन ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के कद्दावर नेता संतोष गंगवार को हराया। पिछले साढ़े 3 दशक मे एक बार ही इस सीट पर 8 बार के सांसद संतोष गंगवार लोकसभा चुनाव हारे है। वह भी प्रवीण सिंह ऐरन से। प्रवीण सिंह ऐरन इस समय सपा से प्रत्याशी है। इनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन भी पूर्व महापौर रही है। वही आंवला सीट पर भाजपा ने दो बार के सांसद धर्मेंद्र कश्यप को इस बार भी प्रत्याशी बनाया है। धर्मेंद्र कश्यप पूर्व में सपा से इसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा की मेनका गांधी से हार गए थे। उसके बाद वह भाजपा में शामिल हुए। 2014 की मोदी लहर में पहली बार भाजपा से सांसद बने। 2019 में भाजपा से दूसरी बार सांसद बने। आंवला लोकसभा सीट पर बसपा ने सैय्यद आबिद अली को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर मुस्लिम वोटों की संख्या सबसे ज्यादा है। आबिद अली तीसरी बार आंवला नगर पालिका के चेयरमैन हैं। वह लंबे समय तक समाजवादी पार्टी में रहे है। मार्च माह मे वह सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए और आंवला से लोकसभा टिकट पा लिया। आंवला लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने शाहजहांपुर के पूर्व विधायक नीरज मौर्य को प्रत्याशी बनाया है। आंवला लोकसभा सीट पर मुस्लिम वर्ग के बाद मौर्य और कश्यप बिरादरी के वोटों की संख्या महत्वपूर्ण मानी जाती रही है।।

बरेली से कपिल यादव

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