आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक की तर्ज पर मिलेगा वेतन!नितीश

पटना/ बिहार – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सक की तर्ज पर वेतन दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को उन्होंने निर्देश दिया कि इस पर जल्द आवश्यक कार्रवाई करें। ज्ञान भवन में शुक्रवार को तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व के उद्घाटन सत्र में वे बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में बंद पड़े चार आयुर्वेद कॉलेजों बेगूसराय, दरभंगा, भागलपुर और बक्सर का जल्द संचालन शुरू कराया जाएगा। इसके लिए पदों के सृजन की कार्रवाई चल रही है। साथ ही उन्होंने आयुष चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे इलाज के लिए पूरी तरह से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को ही अपनाएं। वैद्य कहलाने में किसी तरह की झिझक महसूस नहीं करें, बल्कि गौरव करें।
यही इलाज की मूल पद्धति है। केंद्र सरकार से अपील की कि पटना आयुर्वेद कॉलेज को जल्द अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में परिणत करने की कार्रवाई करे। केंद्र सरकार ने पहले ही इस पर निर्णय लिया है, लेकिन यह मामला लंबित है। केंद्र पहल करे, इसमें राज्य सरकार हर तरह का सहयोग देने को तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से लोगों में आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति जागरूकता आएगी। इस तरह के कार्यक्रम जिला स्तर पर भी होने चाहिए। यह आयोजन ऑल इंडिया आयुर्वेदिक कांग्रेस और स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में हुआ। इसमें बड़ी संख्या में आयुर्वेद चिकित्सकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस चिकित्सा में जितना अनुसंधान होना चाहिए, उतना हुआ नहीं। आगे इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीपद नाइक अपरिहार्य कारणों से इस कार्यक्रम में भाग नहीं ले सके। मैं भी दवा की पुड़िया बनाता था मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा से उनका व्यक्तिगत और भावनात्मक लगाव है। मेरे पिताजी आयुर्वेद चिकित्सक थे और राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, पटना से पढ़े थे। बचपन में देखता था कि पिताजी खुद दवा बनाकर लोगों का इलाज करते थे। स्कूल से लौटने के बाद शाम में मैं भी पिताजी द्वारा तैयार किये गये चूर्ण को पुड़िया में बांधता था। तभी से आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में जाना। मुख्यमंत्री ने पांच आयुर्वेद चिकित्सकों (वैद्य)- जगन्नाथ त्रिपाठी, यशवंत सिंह, अजमत हुसैन अंसारी, इंदू मिश्रा और अलख नारायण सिंह को धनवंतरी सम्मान से सम्मानित किया। सरकार का पूरा ध्यान आयुष चिकित्सा पर : मंगलस्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा ध्यान आयुष चिकित्सा पर है। इनके शिक्षण से लेकर इलाज तक की बेहतरी के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। बेगूसराय आयुर्वेद कॉलेज के संचालन के लिए 47 पदों का सृजन कर लिया गया है। अन्य बंद पड़े तीन कॉलेजों के संचालन के लिए 156 पदों के सृजन का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में स्वीकृति के लिए जाएगा। ऑल इंडिया आयुर्वेदिक कांग्रेस के अध्यक्ष पद्मभूषण वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने कहा कि राज्य सरकार आयुर्वेद की बेहतरी के लिए आवश्यक कदम उठाए। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, रौशन जग्गी, वैद्य बनवारी लाल गौड़, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य उदय कांत मिश्र, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष वर्मा, दीनानाथ उपाध्याय, बैध धनंजय शर्मा, रणजीत पौराणिक, वैध अरुण कुमार प्रभात कुमार, वैध दिनेश्वर प्रसाद डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ दिनेश शर्मा, डॉ प्रतिमा शर्मा ,डॉ जितेंद्र नाथ मौर्य,डॉ सुभाष कुमार वर्मा,डॉ रामजी सिंह,डॉ श्याम सुंदर सिंह,डॉ वीरेंद्र शर्मा,डॉ हिमांशु त्रिपाठी,डॉ बीरेंद्र नाथ मौर्य आदि उपस्थित थे।
– नसीम रब्बानी, पटना/ बिहार

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