बरेली। केद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित नई स्क्रैप नीति का असर जिले मे 80 हजार से अधिक वाहनों पर पड़ेगा। बजट में स्क्रैप नीति के ऐलान के बाद परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों की सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। अप्रैल से यह वाहन सड़क से हटाने की कवायद शुरू होगी। नई स्क्रैप नीति का असर जिले में सबसे अधिक दोपहिया वाहनों पर पड़ेगा। परिवहन विभाग अधिकारियों की माने तो 20 साल पुराने वाहनों मे दोपहिया की संख्या दो तिहाई से भी अधिक है। बीते दिनों ही 15 साल पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन निलंबित करते हुए परिवहन विभाग ने इनका री-रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की थी। इसके बाद कई वाहन स्वामियों ने रजिस्ट्रेशन वैधता बढ़ाने का आवेदन भी किया। कोई सूचना न मिलने पर दो हजार के करीब ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन निरस्त भी किये गये थे। नई स्क्रैप नीति लागू होते ही बड़ी संख्या में पुराने वाहन सड़क से हट जाएंगे। बजट मे ऐलान के बावजूद अब तक इस संबंध में कोई गाइडलाइन परिवहन विभाग को नहीं मिली है। हालांकि इससे पहले ही पुराने वाहनों का डाटा जुटाने का काम शुरू किया जा चुका है। महीने के अंत तक गाइडलाइन आने की उम्मीद है। सड़क पर दौड़ रहे पुराने खटारा वाहन प्रदूषण का भी बड़ा कारण है। खस्ताहाल हालत में दौड़ रहे यह वाहन भारी मात्रा में धुंआ उगलते हैं। इसके चलते ही एनजीटी भी ऐसे वाहनों को हटाने के लिए कह चुका है। एआरटीओ प्रशासन आरपी सिंह ने बताया नई स्क्रैप नीति के संबंध में अब तक कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। हालांकि पुराने वाहनों की सूचना तैयार करने का काम शुरू कराया गया है। जैसे ही आदेश मिलते हैं पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिये जाएंगे।।
बरेली से कपिल यादव