अधिक टोल टैक्स के विरोध में बस मालिको ने रोके बसों के पहिए, टोल पर किया प्रदर्शन

बरेली/ फतेहगंज पश्चिमी। अधिक टोल टैक्स बढ़ने से आक्रोशित बस संचालकों ने शीशगढ़ बरेली के बीच चलने वाली प्राइवेट बसों का संचालन बंद कर दिया। बस मालिकों ने टोल प्लाजा पर खाली बसें खड़ी कर प्रदर्शन किया। बस मालिकों ने बढ़ा टोल टैक्स वापस न होने तक बसों का संचालन बंद रखने का ऐलान किया है। बस यूनियन के पदाधिकारी मुरादाबाद जाकर एनएचएआई के अधिकारियों से मिले। आपको बता दें कि शीशगढ़ से बरेली के बीच 15 प्राइवेट बसें चलती हैं। यह बसें रोडवेज से अनुबंधित हैं। इन बस संचालकों ने हाइवे के टोल प्लाजा से मासिक पास बनवा रखे थे। मासिक पास को बस संचालकों को 6400 रुपए टोल टैक्स जमा करना पड़ता था। इसमें बसें माह में 120 चक्कर लगाती थीं। फास्ट टैग अनिवार्य होने पर एनएचएआई ने इन प्राइवेट बसों के मासिक पास की सुविधा खत्म कर दी। बस चालक शीशगढ़ से शाही भिटौरा होकर बरेली को बसें चलाने लगे। इस रूट से बसें संचालित करने पर बस संचालकों को टोल टैक्स देना नहीं पड़ रहा था। शाही मिर्जापुर रोड के गड्ढे दलदली होने से इस रूट से बसों का चलना दूभर हो गया। बसें गड्ढों में फंसने लगीं। टूट फूट से भारी नुकसान होने लगा। जिस पर बस संचालकों ने बसें दोबारा से शीशगढ़ धनेटा क्रासिंग होकर बरेली को ले जाना शुरू किया। इस रूट से निकलने पर बसों को फतेहगंज पश्चिमी में टोल टैक्स देना पड़ रहा है। मासिक पास के मुकावले अब बसों को तीन गुना टोल टैक्स देना पड़ रहा है। जिससे आक्रोशित बस मालिकों ने बुधवार को बसों का संचालन अनिश्चितकाल को बंद कर खाली बसें टोल प्लाजा के पास खड़ी कर प्रदर्शन किया। शाही शीशगढ़ निजी बस यूनियन के अध्यक्ष संटू सिंह के साथ बस मालिक मुरादाबाद जाकर एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर से मिले। बस यूनियन के पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखा। प्रोजेक्ट मैनेजर से बस मालिकों को बताया इसमें राहत देना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। उन्होने टोल अधिकारियों से इस संबंध में बात की। मुरादाबाद से लौट कर यूनियन के पदाधिकारी टोल प्लाजा मैनेजर से मिले। बस मालिकों ने मासिक पास की सुविधा बहाल करने की मांग की। यूनियन अध्यक्ष ने बताया एनएचएआई और टोल अधिकारियों ने कोई न कोई रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है। फास्ट टैग लागू होने पर मासिक पास की सुविधा खत्म हो गई। इस समय बस को एक बार में 400 रुपए टोल देना पड़ रहा है। दिन में बसें चार चक्कर लगाती हैं। एक दिन में 1600 रुपए टोल भरना पड़ रहा है। बस मालिक अतुल गुप्ता ने बताया बसें रोडवेज को प्रति माह नौ हजार रुपए रायल्टी, 5000 रुपए पैसिंजर टैक्स भरते हैं। इतने खर्चो पर बसें चलाना संभव नहीं है। टोल प्लाजा मैनेजर श्यामवीर यादव ने बताया बस मालिक मिले हैं। कोशिश चल रही है। समाधान निकाल लिया जायेगा।।

बरेली से कपिल यादव

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