अखिल भारतीय डिजिटल कवयित्री सम्मेलन में कवियों ने बांधा समा

बरेली। मधुशाला साहित्य परिवार द्वारा लॉकडाउन के दौरान रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अखिल भारतीय डिजिटल कवयित्री सम्मेलन का आयोजन बड़े ही हर्षो उल्लास साथ किया गया। मधुशाला साहित्यिक परिवार हमेशा कुछ अलग करने की चाहत रखता है और पिछले काफी समय से साहित्य की निस्वार्थ सेवा की ओर अग्रसर है। इसी क्रम में कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश भर से 20 विभिन्न कवयित्रियों ने अलग अलग स्थान से ऑनलाइन काव्य पाठ किया। काव्य पाठ करने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया। पायल बेदी ने मन तू बदलना नहीं चाहता से कार्यक्रम की शुरुआत की। सीमा निगम, राजमती पोखरना तथा एकता शर्मा ने समसामयिक कविता पढ़ी। उमा वैष्णव ने श्रृंगार पढ़ कर समा बांधा। इस सम्मलेन में किरण जैन, रवि रश्मि अनुभूति, मीनाक्षी भास्कर, आभा साहनी तथा नीरजा शर्मा जैसे अनुभवी और वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपने काव्य पाठ से इस आयोजन को एक नई ऊंचाई दी। अन्य कवयित्रियों में डॉ सुनीता मिश्रा ने जीवन और मृत्यु की सच्चाई पर काव्य पाठ किया। साथ ही आशी, अलका जैन आनंदी, सुनीता गर्ग, दीपापंत शीतल, गोमुखी पाटीदार, राशि श्रीवास्तव ने बहुत ही सुंदर काव्य पाठ किया। खुशबू जैन तथा रजनी बजाज जी ने श्रृंगार की कविता से सम्मेलन का सुंदर समापन किया। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन मीरा श्रीवास्तव ने। आभार मीडिया प्रभारी निक्की शर्मा रश्मि तथा हर्षित उपाध्याय ने व्यक्त किया। मधुशाला साहित्यिक परिवार के संस्थापक दीपेश पालीवाल ने मधुशाला के आगामी ई साझा संकलन गीत मधु के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि इसमे देशभर के 50 गीतकारो के श्रेष्ठ गीतों का संग्रह होगा जिसका विमोचन जल्द किया जाएगा।।

बरेली से कपिल यादव

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