राष्ट्रीय सेवा भारती की प्रेरणा से मकर सक्रांति के पावन पर्व पर 251 घरों में हवन यज का हुआ कार्यक्रम

नागल/ सहारनपुर- जनपद के ग्राम चंदैना मे मकर सक्रांति के पावन पर्व पर 251 घरों में हवन हुआ जिसमें आर्य समाज चंदैना के सदस्यों व गांव के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सेवा भारती केअखिल भारतीय संगठन मंत्री सुधीर जी अपने पैतृक गांव चंदैना पहुंचे और मकर संक्रांति पर होने वाले सामूहिक यज्ञो की योजना पर चर्चा की ।आर्य समाज के कार्यकर्ताओं व ग्राम वासियों के सहयोग से संपूर्ण गांव को 18 वार्ड में विभाजित कर सभी कार्यकर्ताओं को उनका दायित्व सौंपा।
इनके दिशा निर्देशन में आज मकर सक्रांति के पावन पर्व पर पूरे गांव में 251 घरों में यज्ञ कार्यक्रम संपन्न हुआ घरों में होने वाले यज्ञ में पूरे परिवार ने हिस्सा ले धर्म लाभ उठाया मंत्रों के उच्चारण से पूरा वातावरण भक्ति में हो गया यज्ञ के उपरांत पावन पर्व मकर सक्रांति के बारे में जानकारी दी गई उन्होंने कहा शास्त्रों के अनुसार वर्ष को दो भागों में बांटा गया है। पहला भाग उत्तरायण और दूसरा दक्षिणायन मकर सक्रांति के दिन सूर्य उत्तर की ओर ढलना प्रारंभ हो जाता है इसलिए इस कॉल को उत्तरायण कहते हैं मकर सक्रांति एकमात्र ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारतवर्ष में एक साथ मनाया जाता है। हालांकि अलग-अलग क्षेत्रों में इसे मनाने के तरीके अलग-अलग होते हैं मकर सक्रांति के दिन स्नान ध्यान और दान का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है इस दिन की विशेषता महाभारत काल के समय में भी देखने को मिलती है। क्योंकि इसी दिन को भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए चुना था।
सामूहिक यज्ञ के आयोजन से जहां एक ओर वातावरण शुद्ध होता है वहीं दूसरी ओर सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है। यज्ञ के उपरांत मास्टर सतपाल सिंह अशांत ने संस्कारों के बारे में बताया उन्होंने कहा कि संस्कार का अभिप्राय धार्मिक कृत्यो या किसी व्यक्ति को अपने समुदाय योग्य बनाने के लिए उसके शरीर और मन को पवित्र करने के लिए किए जाते थे किंतु यह बात भी सत्य है हिंदू संस्कारों का उद्देश्य व्यक्तियों में अभीष्ट गुणों को जन्म देना और अपने गुणों से समाज की सेवा करना है उन्होंने कहा कि संस्कार इस जीवन को पवित्र बनाते हैं हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी देने चाहिए हमें अपने बच्चों को बुरे कर्मों से दूर और अच्छे कर्मों में प्रोत्साहित करना चाहिए बच्चे कच्ची मिट्टी के घड़े होते हैं जैसे संस्कार उनमें डालोगे वह उन्हें सहजता से स्वीकार कर लेंगे अच्छे संस्कार पाने वाले बच्चे बड़े होकर निश्चित ही संस्कारी पुरुष बनेंगे और अपने कुल व ग्राम का नाम रोशन करेंगे। मुख्य पुरोहित आचार्य महिपाल , आचार्य ऋषि पाल , हरि सिंह , अनुराग आर्य, जिले सिंह आर्य,सुनील चौधरी, अमरेश आर्य, अनुज आर्य, देवेश्वर सिंह ,प्रवेश आर्या ,पूनम आर्या, ऋतु आर्या ,नीतू आर्या ,वंदना आर्या ,रुचि आर्या ,सुमेधा आर्या ,आयुषी आर्या ,विधि आर्या ,सुहानी आर्या एवं लगभग 251 पुरोहित उपस्थित रहे।

– सहारनपुर से सुनील चौधरी

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