बरेली। जनपद बरेली के एक और अस्पताल के खिलाफ मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ करने की शिकायत की गई है। आरोप है कि पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के दौरान मरीज को अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने एनेस्थीसिया दिया। इसके बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन करते समय गलत नस काट दी। अब मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। सीएमओ ने शिकायत पर जांच का आदेश दिया है। बिथरी चैनपुर ब्लॉक के गांव मनेहरा निवासी शरीफ अहमद का कहना है कि उनके भाई रईस अहमद के पित्ताशय मे पथरी थी। उन्हीं के गांव का शादाब हरूनगला स्थित महेशनाथ अस्पताल मे पैथोलॉजी लैब चलाता है जिसके कहने पर उन्होंने रईस को 12 सितंबर को भर्ती करा दिया। अस्पताल संचालक दीपक पटेल से बात होने के बाद उन्होंने 21 हजार रुपये बतौर एडवांस जमा करा दिया। शरीफ का आरोप है कि ऑपरेशन के दिन रईस को एनेस्थिसिया देने के लिए कोई डॉक्टर नही बुलाया गया। अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने उन्हें नशे का इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद अस्पताल संचालक के साथ एक डॉक्टर ने ऑपरेशन कर रईस को डिस्चार्ज कर दिया। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने रईस को दूसरे अस्पताल मे दिखवाया जहां जांच मे पता चला कि ऑपरेशन के दौरान रईस के शरीर मे कोई गलत नस कट गई है। वह दोबारा महेशनाथ अस्पताल पहुंचे तो संचालक दीपक पटेल और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने गलती स्वीकार की और दवा देकर जल्द ठीक कर देने की बात कहकर उन्हे लौटा दिया। इसके बाद भी रईस की हालत बिगड़ती चली गई। शरीफ ने सीएमओ से शिकायत कर बताया कि अस्पताल संचालक दीपक पटेल ने उनके भाई रईस अहमद का अंगूठा लगवाकर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवा लेने और उनके इलाज का सरकारी पैसा भी निकालकर हड़प लेने का आरोप लगाया है। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी है। जांच टीम मे डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद और सर्जन डॉ. जयप्रकाश शामिल है। डॉ. लईक अहमद अंसारी ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है। हर बिंदु पर गहनता से जांच की जाएगी। अस्पताल संचालक दीपक पटेल ने बताया कि आरोप गलत है। ऑपरेशन हुआ था लेकिन अब हमारे यहां इलाज नही चल रहा है। अगर मरीज को इलाज की जरूरत है तो बिल्कुल किया जाएगा लेकिन इसके लिए मरीज को अस्पताल आना पड़ेगा।।
बरेली से कपिल यादव