सर्दियों में रखें अपने दिल का खास ख़याल

सर्द मौसम में दिल की बीमारियां खासकर दिल के दौरे के नए मामले 40 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। दिल और सांस की बीमारियों से प्रभावित मरीजों के लिए भी सर्दी का गिरता तापमान अक्सर दोबारा परेशानी खड़ी कर देता है।

क्या होता है हार्ट अटैक:-
हमारा दिल मांसपेशी से बना एक जटिल पंप है जो मां के भ्रूण में पहले ही महीने से शुरू होकर जीवन के अंत तक बिना रुके धड़कता रहता है। हर मिनट में औसत 70 बार धड़कने के हिसाब से 1 दिन में 1 लाख बार और 70 साल की उम्र तक 250 करोड़ बार दिल खून को पूरे शरीर में पंप करता है।
इतने जटिल काम के लिए दिल को तीन धमनियों (नसों) से लगातार खून की सप्लाई चाहिए। तीनो में से किसी भी धमनी में आयी अचानक रुकावट से दिल का दौरा पड़ता है जो जानलेवा हो सकता है।

दिल की नसों में रुकावट के कारण:-
धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन, शुगर की बीमारी, ब्लड प्रेशर की बीमारी, वसायुक्त खाने और फास्ट फूड से कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, मोटापा, व्यायाम का अभाव – इन सब से दिल की नसों में 15 साल की उम्र से ही कोलेस्ट्रॉल जमकर रुकावट होनी शुरू हो जाती है जो बढ़ती हुई उम्र के साथ और बढ़ती जाती है।

सर्दी के मौसम में दिल की बीमारियां:-
दो कारणों से सर्दियों में दिल की परेशानियां इतनी बढ़ जाती है।
पहला, गिरते तापमान और ठंडी हवा के संपर्क में आने से दिल, दिमाग और सारे शरीर की धमनियां (नसें) सिकुड़ जाती हैं। ठंडी हवा तथा वायरल इंफेक्शन से सांस की नली में भी सूजन आती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। सिकुड़ी हुई नसों में खून गाढ़ा होकर जमने की संभावना बढ़ जाती है जिससे दिल या दिमाग का दौरा (पक्षाघात/पैरालाइसिस) पड़ सकता है।

दूसरा कारण दिनचर्या, खानपान, और वातावरण से जुड़ा है। सर्दी में आलस्य के कारण व्यायाम/सैर कम हो जाना, अधिक नमकीन, चटपटा और घी चिकनाईयुक्त खाना, अधिक धूम्रपान व शराब का सेवन, ब्लड प्रेशर बढ़ाता है तथा खून को गाढ़ा करता है। सर्द मौसम में प्रदूषण और धुआं भी ज़्यादा होता है जिससे सांस की परेशानी बढ़कर दिल को प्रभावित करती है।

बचाव के लिए क्या करें, क्या ना करें*:-

सुबह की सैर और व्यायाम में रखें ख़याल – आलस्य के कारण सुबह की सैर व्यायाम बंद ना करें। हल्की सर्दी में हाथों, पैरों, सिर, गले, छाती को पूरा ढककर सैर की जा सकती है। ज़्यादा सर्दी, कोहरे, स्मोग (प्रदूषण) के दिनों में बाहरी व्यायाम ना करें और शरीर को ऊनी कपड़ों से गर्म रखें। घर के भीतर ही शरीर को सक्रिय बनाएं, हल्का हाथों पैरों का व्यायाम, योग, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार करें।

संतुलित आहार लें – चाय, कॉफी, मावा, मिठाइयां, घी चिकनाईयुक्त भोजन जैसे पूरी, परांठे, पकोड़े, समोसे, मक्खन, मलाई, मीट आदि का बहुत सीमित मात्रा में प्रयोग करें। ज़्यादा नमक का सेवन ना करें।
प्रतिदिन ताज़े फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। भीगे हुए बादाम, अखरोट का सेवन लाभदायक है। जितना संभव हो ज़्यादा मात्रा में निवाया गर्म पानी का सेवन करें ।

धूम्रपान, तम्बाकू, शराब करें बंद – धूम्रपान, तम्बाकू, शराब और सभी मादक पदार्थ सर्दियों में खून को और गाढ़ा करते हैं। इनके सेवन के अगले 24 घंटों में दिल के दौरे और पैरालाइसिस का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने ना दें – अपने डॉक्टर से नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जांच कराएं और डॉक्टरी परामर्श से नियमित दवाईयां लें। ब्लड प्रेशर की दवाई नाश्ते के बाद लेने के बजाए रात के के खाने के बाद लेना दिल के लिए लाभप्रद है। कोलेस्ट्रॉल की दवाई भी रात के खाने के बाद लें।

अपने वजन का रखें ध्यान – हर महीने एक बार अपना वजन लें और बढ़ने ना दें। अगर वजन ज़्यादा है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

तनाव से रहें दूर – अपने जीवनसाथी, परिवार, और मित्रों के साथ समय बिताएं।

दिल और सांस के रोगी रखें ख़ास ख़याल – अपने डॉक्टर से नियमित परामर्श लें तथा दवाईयां समय पर लें। ब्लड थिनर (खून को पतला रखने वाली दवाई) बिना परामर्श बंद ना करें। छाती में कोई दिक्कत, सांस की परेशानी, खांसी, बलगम को हल्के में ना लें और अविलंब डॉक्टर से मिलें।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सर्दी के मौसम में भी अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लिया जा सकता है और दिल की परेशानियों से बचा जा सकता।

रहें स्वस्थ व सुरक्षित

*डॉ. सत्यम् राजवंशी*
(डी. एम. कार्डियोलॉजी)
हृदय रोग विशेषज्ञ
राजवंश हॉस्पिटल, मुजफ्फरनगर।

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