महाराष्ट्र पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश: कल शाम 5 बजे से पहले हो फ्लोर टेस्ट और लाइव टेलीकास्ट

* वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए

नई दिल्ली- महाराष्ट्र में सरकार गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि बुधवार शाम पांच बजे से पहले फ्लोर टेस्ट करवाया जाए। कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य स्थापित करने के लिए कोर्ट हैं और कोर्ट और संसदीय कार्यवाही के बीच बाउंड्री की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग और लाइव टेलीकास्ट हो और यह सीक्रेट बैलेट से नहीं होगा। कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के भी आदेश दिए।
कोर्ट ने कहा कि इसमें अभी तक शपथ नहीं हुई है, कल शाम पांच बजे से पहले विधायकों की शपथ हो और फिर फ्लोर टेस्ट करवाया जाए। जस्टिस रमना ने कहा कि कोर्ट और विधायिका के अधिकार पर लंबे समय से बहस चली आ रही है. लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए. लोगों को अच्छे शासन का अधिकार है।
राज्यपाल के फैसले की न्यायिक समीक्षा हो सकती है या नहीं? इस पर कोर्ट ने सभी पक्षकारों को लिखित दलीलें 8 हफ्ते में देने को कहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों, नागरिकों के सुशासन के अधिकार को बनाए रखने के लिए महाराष्ट्र में बहुमत निर्धारित करने के लिए फ्लोर टेस्ट के लिए अंतरिम आदेश पारित करना आवश्यक है।
बता दें कि कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था।
वहीं, सोमवार महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर बाधित रही। हंगामे के कारण लोकसभा दो बार के स्थगन के बाद वहीं राज्यसभा एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी

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