लोकसभा उप चुनाव में विपक्षी एकता में आ सकती है दरार

कैराना- कैराना लोकसभा सीट पर 28 मई 2018 को होने वाले उपचुनाव के लिए विपक्षी एकता में दरार पड़ती हुई दिख रही है। उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल जहाँ विपक्ष से जयंत चौधरी को साझा प्रत्याशी बनाने पर डटी है तो वहीँ समाजवादी पार्टी भी अपना प्रत्याशी इस उपचुनाव में उतारने की तैयारी में है। इसके अलावा कांग्रेस भी रालोद के साथ मिलकर सपा का खेल खराब करने की तैयारी में है। हालाँकि समाजवादी पार्टी की तरफ से अभी तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। इस बीच सपा ने अपने एक पूर्व सांसद को अचानक लखनऊ बुलाया है जिसके बाद प्रत्याशी के नाम का ऐलान शुक्रवार को होने की चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।

कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में सपा और भाजपा नहीं बल्कि 2 सियासी परिवारों के बीच जंग देखने को मिलेगी। भाजपा से जहाँ दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह का नाम लगभग तय है तो वहीँ समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद तबस्सुम हसन का नाम दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है। सपा की ओर से तबस्सुम बेगम के नाम की घोषणा शुक्रवार को हो सकती है। तबस्सुम बेगम का बेटा नाहिद हसन पिछले 2 बार से कैराना लोकसभा सीट से विधायक है तो वहीँ तबस्सुम बेगम और उनके पति भी इस सीट से सासंद रह चुके हैं। ऐसे में यहाँ पर उपचुनाव में दिलचस्प सियासी जंग देखने को मिल सकती है। तबस्सुम हसन के ससुर, पति मुनव्वर हसन सांसद रह चुके हैं। वे खुद 2009 में यहीं से सांसद बनी थी। 2014 के लोकसभा चुनावों में यहाँ से उनका बेटा चौधरी नाहिद हसन मैदान में था मगर उस चुनाव में हुकुम सिंह की जीत हुई थी। उपचुनावों में प्रत्याशी बनाये जाने पर पूर्व सांसद तबस्सुम बेगम ने कहा कि उन्हें पता नहीं कि उनका नाम टिकट के लिए तय हुआ है कि नहीं मगर शुक्रवार को पार्टी हाईकमान ने उन्हें लखनऊ बुलाया है। ऐसे में चर्चाएँ हैं कि सपा प्रत्याशी के तौर पर उपचुनाव में तबस्सुम हसन ने नाम की घोषणा की जा सकती है।

-देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा

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