भागीदारी संकल्प में शामिल हुए सात दल: मिल कर लड़ेंगे चुनाव

*मोदी व योगी की सरकारों को उखाड़ने का काम करेगा भागीदारी संकल्प मोर्चा : ओमप्रकाश राजभर

*पिछड़ो व दलितों का हक मार रही भाजपा सरकारें : ओमप्रकाश राजभर

*भागीदारी संकल्प मोर्चे में जुड़े और दो दल, संख्या पहुंची सात

लखनऊ। भागीदारी संकल्प मोर्चा ने राजधानी से मोदी व योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। बिहार, बंगाल और फिर यूपी में भाजपा को धूल चटाने की बात करते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जैसा कि आप सभी इस बात से अवगत है कि विगत दिसम्बर 2019 के प्रथम सप्ताह में भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया गया और इसके बाद 10 दिसम्बर 2019 को भागीदारी संकल्प मोर्चा द्वारा एक प्रेस कान्फे्रन्स लखनऊ मे हुई थी। इसके बाद भागीदारी संकल्प मोर्चा के तत्वाधान में बलिया, पड़रौना (कुशीनगर) व गाजीपुर मे बड़ी रैलियां आयोजित की गयी। रैलियों मे गरीबों मजलूमो का अपार स्नेह मिला रैली का सफल आयोजन हुआ। भागीदारी संकल्प मोर्चे को मजबूत करने के लिए और गरीबो पिछड़ो की आवाज को बुलंद करने के लिए आज हमारे साथ भारतीय वंचित समाज पार्टी भी हाथ मिला रही है। जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकरन कश्यप है भागीदारी संकल्प मोर्चा उनका हृदय से स्वागत करता है।

पूर्व मंत्री राजभर ने कहा कि बात तो सभी दल गरीबों की ही करते है। दलितो पिछड़ो के विकास की बात करते है अल्प संख्यको के मशीहा बनते है किन्तु आजादी के 70 वर्षो के बाद भी दलितों के आरक्षण का कोटा पूरा नही हुआ। दलितो का आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान नही हो पाया। पिछड़ो के आरक्षण का कोटा 27 प्रतिशत है परन्तु अभी तक केन्द्र में मात्र 6 प्रतिशत लोगो को ही आरक्षण का लाभ मिल सका है जब कि उनकी संख्या 52 प्रतिशत से भी अधिक है और अब तो पिछड़े वर्ग का आरक्षण समाप्त ही कर दिया गया है। प्रमोशन में आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। दलितो पिछड़ो को नौकरियों में उच्च पदों पर जाने से रोका जा रहा है। केन्द्र सरकार की बदनीयती के कारण माननीय उच्चतम न्यायालय में दलितों पिछड़ो के पक्ष को ठीक से नही रखा गया जिसकी वजह से पदोन्नति में आरक्षण का माननीय उच्चतम न्यायालय ने राज्यों के विवेक पर छोड़ दिया है। भागीदारी संकल्प मोर्चा की यह मांग है कि केन्द्र सरकार कानून बनाकर आरक्षण को पुनः पूर्व की स्थिति में बहाल करे एवं बैकलाग द्वारा कोटा पूरा करे।

वर्तमान सरकार बड़ी चतुराई से वंचितो को नौकरियों में जाने से रोकने के लिए सरकारी विभागों को प्राईवेट हाँथों में बेंच रही है रेल और हवाई अड्डो को बड़े- बड़े उद्योगपतियो को दिये जा रहे है। एचएएल और ओएनजीसी जैसी सार्वजनिक कम्पनियों को बेंचने की मंशा से घाटे में लाया जा रहा हैं। एलआईसी मे सरकार अपनी हिस्सेदारी बेंच रही है। देश को आर्थिक रूप से तबाह किया जा रहा है।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों की कमी है। पढ़ाई नही हो रही है। बच्चों को मिड-डे मिल में उलझाये रखा गया है। सरकारी स्कूलों का काम सिर्फ खिचड़ी पकाने- खिलाने तक ही रह गया है। प्राथमिक स्कूल ही शिक्षा की नींव है और साजिश के तहत इसे बर्बाद किया जा रहा है। भागीदारी संकल्प मोर्चा की यह चाहत है कि समूचे देश में शिक्षा का पाठ्यक्रम एक हो चाहे वह सरकारी स्कूल हो या प्राईवेट। भाजपा सरकार गरीबों – पिछड़ो को कर्मकांण्डों व अंधविश्वाशों में उलझा रही है। नौकरी की बात नही कर रही है। कल कारखानों का निर्माण नही किया जा रहा है सिर्फ बांटो और राजनीति करो की नीति अपनायी जा रही है। भाजपा सरकार का नारा है सबका साथ सबका विकाश किन्तु थानों में जिलो में व अन्य सभी पदो पर दलितों पिछड़ों को पोस्टिंग से वंचित रखा गया है। भारत दुनिया का पहला देश है जहां पर शिक्षा और स्वास्थ्य को भी प्राईवेट क्षेत्र को दिया जा रहा है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति देने में भी भेदभाव कर रही है। 2019-20 में सामान्य वर्ग के छात्रों की संख्या लगभग 7 लाख थी और पिछडे वर्ग की संख्या 21 लाख। किन्तु सामान्य वर्ग को 609 करोड बजट आबण्टित किया और पिछडे वर्ग को मात्र 600 करोड जब कि संख्यानुपात के हिसाब से पिछड़े वर्ग को 2070 करोड का बजट आबण्टित किया जाना चाहिए था। पिछडे वर्ग को विभिन्न पाठय्क्रमों में 10 से 30 हजार रुपए शुल्क क्षतिपूर्ति दी जा रही है जब कि सामान्य वर्ग के सभी छात्रों को सभी पाठ्यक्रमों में 50 हजार रुपए दिए जा रहें है। यह सरकार पिछडा वर्ग एवं दलित विरोधी है। भागीदारी संकल्प मोंर्चा की यह चाहत है कि दलितों पिछड़ों को भी सामान्य वर्ग की ही तरह सभी पाठ्यक्रमों में 50 हजार रूपये शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप मे दिये जायें।

मोर्चे में शामिल सभी दलों ने समवेत स्वर में कहा कि
भागीदारी संकल्प मोर्चा की चाहत है कि सबको एक समान शिक्षा मिले। शिक्षा गुणवत्ता परक हो। हर वर्ग को उनकी संख्या के आधार पर भागीदारी मिले। पब्लिक एवं प्राईवेट दोनो ही सेक्टरों में संख्या के आधार पर आरक्षण का प्राविधान हो। किसानो को उनकी पैदावार का मूल्य निर्धारण करने का अधिकार मिले जिससे उन्हें उनकी उपज का सही लाभ मिल सके। इन्ही सब बातों को अमली जामा पहनाने के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा ने संघर्ष का आवाहन किया है।

जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा का नारा है- जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी।

भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल दल-

1 बाबू सिंह कुशवाहा (राष्ट्रीय अध्यक्ष जन अधिकार पार्टी )
2. ओम प्रकाश राजभर (राष्ट्रीय अध्यक्ष सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी )
3. प्रेम चन्द्र प्रजापति ( राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी )
4. बाबू राम पाल ( राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्र उदय पार्टी )
5. अनिल सिंह चैहान ( राष्ट्रीय अध्यक्ष जनता क्रान्ति पार्टी )
6. केवट रामधनी बिन्द ( राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय मानव समाज पार्टी )
7. रामकरन कश्यप ( राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय वंचित समाज पार्टी )

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