मीरगंज, बरेली। निजी स्वार्थ के चलते एंबुलेंस चालक प्रसूता महिलाओं के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। एंबुलेंस चालक प्रसव के 4 से 5 घंटे बाद ही बिना चिकित्सक व स्टाफ नर्स की अनुमति के संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं को घर छोड़ आते हैं। नियम है कि स्टाफ नर्स या डॉक्टर से अनुमति लेने के बाद ही महिलाओं को उनके घर पर छोड़ा जा सकता है। प्रसव महिला को जल्द छोड़ने की वजह से कई प्रसूताओं की घर पहुंचने के बाद हालत बिगड़ जाती है। सीएचसी प्रभारी मीरगंज डॉक्टर अमित कुमार ने इस मामले में एक विभागीय पत्र लिखकर सीएमओ से शिकायत की है। पत्र मे ऐसे मामलों की जांच कराकर आरोपों की पुष्टि होने पर आरोपित 102 एंबुलेंस चालक के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कठोर कार्रवाई के लिए लिखा है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो या फिर अन्य सीएचसी और पीएचसी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लगाई गई एंबुलेंस 102 और 108 के चालकों की लापरवाही से स्टाफ भी परेशान है। चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अंबरीश कुमार शर्मा, स्टाफ नर्स सविता व उर्मिला आदि कई लोगों से शिकायत मिलने पर स्थानीय सीएचसी पर 102 एंबुलेंस चालक योगेंद्र को कई बार चेतावनी दी मगर कोई सुधार नहीं हुआ और उल्टा ही स्टाफ से अभद्रता करने लगा। ऐसे में चालक के साथ काम करना मुश्किल हो गया है। पत्र में डॉक्टर अमित कुमार ने लिखा है कि कई बार एंबुलेंस चालक को समझाने का प्रयास किया गया मगर चालक योगेंद्र ने सुधार नहीं किया। इस कारण सीएचसी से एंबुलेंस चालक को हटाया जाना आवश्यक हो गया है। सीएचसी अधीक्षक ने सीएमओ को लिखे पत्र की कॉपी 102 व 108 एम्बुलेंस के नोडल व जनपद प्रभारी को भी भेजी है।।
बरेली से कपिल यादव