पौड़ी गढ़वाल- ग़ैरसैंण राजधानी के सवाल पर गोपेश्वर (चमोली) में राजधानी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने ग़ैरसैंण के आलोक में प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर बेबाक़ी से अपनी राय रखी। मसलन पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, जल, जंगल, ज़मीन, बेरोज़गारी, परिसीमन, भू-अध्यादेश समेत कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने ग़ैरसैंण को पहाड़ के विकास के विकेंद्रीकरण का मॉडल बताया।
वक्ताओं में विभिन्न राजनैतिक दलों, ग़ैर रजनैतिक दलों, छात्र नेताओं, पत्रकारों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह लड़ाई अब तभी ख़त्म होगी, जब ग़ैरसैंण स्थायी राजधानी बनेगी। संघर्ष समिति से जुड़े आंदोलनकारियों ने आंदोलन की रूपरेखा रखी और कहा कि आंदोलन को आम जनता के बीच ले जाया जा रहा है। कॉलेज के छात्रों को आंदोलन से जोड़ा जा रहा है। आंदोलन के पहले चरण में प्रत्येक जनपदों में लोगों से संवाद किया जा रहा है। प्रत्येक जनपदों में समन्वय समिति का गठन किया जा रहा है।
– गढ़वाल मंडल से इंद्रजीत सिंह असवाल