165 वर्ष बाद संयोग पितृपक्ष के एक माह बाद होगा नवरात्र

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। हर साल पितृ पक्ष के समापन के अगले दिन से नवरात्र आरंभ हो जाता है। यानी पितृ अमावस्या के अगले दिन से प्रतिपदा के साथ शारदीय नवरात्र के कलश की स्थापना हो जाती है। लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं होगा। इस बार श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही मलमास लग जाएगा। मलमास लगने से नवरात्र और पितृपक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ जाएगा। आश्विन मास में मलमास लगना और एक महीने के अंतर पर दुर्गा पूजा आरंभ होना ऐसा संयोग करीब 165 साल बाद होने जा रहा है। ज्योतिषार्यों के अनुसार प्रथम कृष्ण पक्ष को शुद्ध अश्विन कृष्ण पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष कहा जाएगा जो तीन सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर तक रहेगा। 18 सितंबर से अधिमास शुक्ल पक्ष होगा जो एक अक्तूबर तक रहेगा। बताया जा रहा है कि यह स्थिति 165 साल बाद होने जा रही है। इसी कारण जो चातुर्मास चार महीने का होता है, वह इस बार पांच महीने का होगा। अधिमास के कारण ही दशहरा 26 अक्तूबर और दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी। क्या होता है मलमास एक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है। जबकि एक चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है। ये अंतर हर तीन वर्ष में लगभग एक माह के बराबर हो जाता है। इसी अंतर को दूर करने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अतिरिक्त आता है। जिसे अतिरिक्त होने की वजह से मलमास या अधिकमास का नाम दिया गया है। अधिक मास को कुछ स्थानों पर मलमास भी कहते हैं। दरअसल इसकी वजह यह है कि इस पूरे महीने में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस पूरे माह में सूर्य संक्रांति न होने के कारण यह महीना मलिन मान लिया जाता है। इस कारण लोग इसे मलमास भी कहते हैं। मलमास में विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। अधिमास बीतने पर शुद्ध अश्विन शुक्ल पक्ष 17 अक्तूबर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे जिसमें अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.37 से 12.23 तक रहेगा। 24 अक्तूबर से अतिरिक्त मास में अन्नपूर्णा परिक्रमा रहेगी। दुर्गा विसर्जन 26 अक्तूबर सोमवार को होगा।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।