हेलीकॉप्टर बाबा का हजारों बीघा सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला पहुंचा सुप्रीमकोर्ट

मीरजापुर/मड़िहान- स्थानीय क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोटवा पांडे के ग्राम सिकटही में एस0एन0फ्लैगस फाउंडेशन के द्वारा हजारों बीघा भूमि पर पत्थर की दीवार बनाकर जिसमें जंगल नाला नदी झाड़ी रास्ता पथरीली पहाड़ रास्ता के खाते की जमीन सम्मिलित है जिसमे गांव के प्रधान शिवकुमार यादव का आरोप है कि फसली वर्ष 1346 के खाता संख्या 1 से लेकर 50 तक के खातेदार का पता ठिकाना नही है जबकि खाता संख्या 51 में 17.7200 हेक्टेयर बंजर भूमि व खाता संख्या 52में कंकरीली पथरीली भूमि 36.800 हेक्टेयर भूमि में कुल 2586 बीघा 3 बिस्वा जमीन अतिक्रमित है,जिसमें हेलीकॉप्टर बाबा का आश्रम बना हुआ है एवं प्रेम रावत का अवैध कब्जा है, जिसके विरुद्ध तहसील मड़िहान को कार्यवाही हेतु लिखा गया जिसके बाद भी कार्यवाही शून्य है। ग्राम प्रधान यह भी बताते हैं कि नई खतौनी में खाता संख्या 1 से 50 तक के किसान भी बाहरी हैं जिनका कोई अता पता नहीं है उनके नाम की जमीन भी 189 गाटा में 355. 4200 पर भी बाबा प्रेम रावत की बाउंड्री वाल बनी हुई है ।सोचनीय विषय यह है कि जहां हजारों बीघा सरकारी भूमि पर रावत का अवैध कब्जा है वही तहसील के अधिकारी भी केवल गाटा संख्या 83 ग के रकबा 5. 3000 हेक्टेयर का केवल जुर्माना तहसीलदार के आदेश दिनांक 15 जनवरी 2018 को अपने आदेश में दो करोड़ चौतीस लाख पचास हजार नौ सौ दस रुपये का आदेश एस0एन0 फ्लैगस फाउंडेशन बजरिये मैनेजर लालमणि गुप्ता निवासी हाल मुकाम कोटवा पांडे के नाम करके अपनी कार्यवाही से मुक्ति पा ली जबकि अतिक्रमण आज भी बना हुआ है और जुर्माने की धनराशि भी नहीं वसूली गई। हालिया कार्यवाही में सूत्र बताते हैं कि जिलाधिकारी द्वारा विरोध कर रहे प्रधान शिव कुमार यादव और राजेंद्र प्रसाद को बुलाकर उनके विरुद्ध जांच व जेल भेजने की धमकी देकर करवाई को समाप्त करने हेतु दबाव भी बनाया गया है, किंतु उच्चस्तरीय कार्यवाही से आजीज आये अधिकारियों ने एसडीएम मड़िहान से कार्यवाही न कराकर अपनी मनमानी करने के लिए एसडीएम चुनार द्वारा मामले को लीपापोती में लगाया गया है इससे ग्रामीण क्षुब्ध भी है। उक्त प्रकरण में बताते चलें कि ग्राम पंचायत कोटवा के आदिवासी हरिजन गोंड मुसहर भूमिहीन है जो सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा जमाए हुए हैं यदि बंजर भूमि खाली हो जाए तो इन्हें बसाया जा सकता है।जमीन की सीमांकन हेतु अधिकारियों द्वारा डेरा डाल दिया गया है,सीमांकन में जंगल झाड़ी से बाधा उत्पन्न हो रही है।

– मीरजापुर से बिजेन्द्र दुवे

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