“हिंदी तो बिंदी है अपनी भारत माँ के भाल की” विषय पर ऑनलाइन अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन हुआ संपन्न

आगरा- संस्थान संगम मासिक पत्रिका आगरा का अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन विषय “हिंदी तो बिंदी है अपनी भारत माँ के भाल की” का दो दिवसीय आयोजन दि.26 एवं 27 सितम्बर 2021 को किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, स्वतंत्रता सेनानी रानी सरोज गौरिहार जी, मुख्य अतिथि बाल साहित्यकार डा.दिनेश पाठक “शशि” जी मथुरा,स्वागताध्यक्ष प्रो. डा.मृणाल शर्मा जी, सरस्वती वंदना डा.मौसमी सिन्हा जी पटना और हिंदी वंदना पूजा तोमर आगरा.के सानिध्य में आयोजित किया गया । मुख्य अतिथि ने अपने उद्वोधन में कहा “समय परिवर्तनशील है, समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है। वैश्विक महामारी कोविड-19 पूरे विश्व में त्राहि त्राहि मचाई है। जिसकी कभी कोई कल्पना नहीं कर सकता लेकिन इसने भी मानव को नये रास्ते दिखाए हैं। जैसे ऑनलाइन पढ़ाई और इसी का परिणाम है कि संस्थान संगम पत्रिका ‘हिंदी तो बिंदी है अपनी भारत मां के भाल की’ विषय को लेकर इतना सशक्त और वृहद ऑनलाइन कवि सम्मेलन सम्पन्न कराया गया है।
कवि सम्मेलन में देश विदेश के 47 कवि/कवयित्रियों ने अपना रचना पाठ किया। अमेरिका से डा. शशिगुप्ता, कोटा से रामेश्वर शर्मा”रामू भैया” ने अपनी रचना”यह भाषा रघुनंदन की बोली है गोपाल की” सुशील सरित जी ने”हैं कहार हम सब इसके ये भावों की पालकी” निशिगंधा दिल्ली ने “गंगा की अविरल धारा सी बहती भाषा हिंदी” डा. शशि गोयल ने “हिंदी है मकरंद गंध सब गंधों की मूल” अलका अग्रवाल ने “नासूर बनकर उनको हिंदी चुभती रही” डा. महेश तिवारी ने”देवभूमि में देववाणी से जन्मी भाषा” डा. शशि सिंह ने” भारत के भाल की शान है हिंदी” आदि जैसी श्रेष्ठ रचनाएं पढ़ी।सभी कवि/ कवयित्रियों ने हिंदी को लेकर एक से बढ़कर श्रेष्ठतम् रचना पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन पत्रिका के संपादक अशोक अश्रु , कार्यक्रम का संयोजन कार्यकारी संपादक परमानंद शर्मा एवं कथाकार डा.शशि गोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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