हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया वार्षिकोत्सव: मातृ-पितृ पूजन कर भारतीय संस्कृति का दिया संदेश

मझौलिया/बिहार – रविवार के दिन श्री गोपीनाथ ज्ञान दर्शन शिशु विद्या मंदिर मे वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अश्वमेध पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी उपेन्द्र पराशर महाराज द्वारा दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। वैलेंटाइन डे का पूर्ण रूप से विरोध कर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई । विद्यालय के निदेशक रमेश प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि अपना समाज अंग्रेजी कुर्तियों का शिकार हो रहा है। अगर हम अपनी भारतीय संस्कृति को खुलकर नहीं जिएंगे तो आने वाला समय बहुत कष्टदायक होगा और बच्चों के माता-पिता का जीवन वृद्धा आश्रम में ही बीतेगा। सच्चा प्रेम अगर किसी से करना है तो अपने माता पिता और गुरु से कीजिए उनकी पूजा कीजिए। उन्होंने कहा कि जिस घर में बड़ों का सम्मान होता है वहां से मृत्यु भी मुंह मोड़ लेती है हमारी भारतीय परंपरा में सुबह उठकर बड़ों का प्रणाम करना चाहिए और ऐसे ही संस्कारों की शिक्षा हमारे स्कूल देने का प्रयास कर रही है।
मुख्य अतिथि बृजराज श्रीवास्तव ने भी मातृ पितृ पूजन का महत्व बताया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें मातृ- पितृ पूजन कर भारतीय संस्कृति का संदेश दिया गया । इस अवसर पर बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम ,गायन, नृत्य,नाटक, देशभक्ति से परिपूर्ण अनेक प्रस्तुतियां भी पेश किए । भारत की संस्कृति की झलक विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देखने को मिली। बच्चों ने माता-पिता के सम्मान में अनेक प्रकार के कविताएं भी सुनाए और अपने विचार भी प्रकट किए । छात्रों ने पुलवामा में शहीद देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए नृत्य प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया। स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, प्लास्टिक का इस्तेमाल न करना, जल बचाओ ,जीवन बचाओ ,बेटी बचाओ का संदेश देते हुए कार्यक्रमों की प्रस्तुति की। इस वार्षिक उत्सव पर अभिभावकों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी तथा छात्र-छात्राओं को मिठाइयां बांटी गई । इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका सहित गणमान्य उपस्थित थे।

– मझौलिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट।

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