बरेली। लॉक टोन के बीच हरियाणा से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिले शुक्रवार को भी जारी रहा। शुक्रवार की देर शाम तक हरियाणा रोडवेज की 32 बसों से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के मजदूर बरेली पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की। फिर इन मजदूरों को यूपी की रोडवेज बसों से उनके घर की ओर रवाना किया गया। मजदूरों की वापसी को ट्रांसपोर्ट नगर में बनाए गए रिसेप्शन पॉइंट पर अव्यवस्थाएं हावी रही। बसों की जानकारी के लिए बनाए गए काउंटर पर जानकारी न मिल पाने से कड़ी धूप में मजदूर बस की तलाश में इधर-उधर भटकते रहे। शुक्रवार को बसों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखे। काउंटर पर बैठा कर्मचारी माइक से बसों में मानक के आधार पर मजदूरों को बढ़ाने का निर्देश देता दिखा इसके बावजूद भी बसों में 35 से 40 सवारियां बैठाई गई। परिसर में भी संक्रमण से बचाव के उपाय भी नदारद दिखे। स्क्रीनिंग के बाद श्रमिक झुंड बनाकर यहां वहां बैठे दिखाई दिए।
श्रमिक बोले अब नहीं जाएंगे परदेस
हरियाणा से आने वाले मजदूरों के चेहरों पर परेशानियों की कहानी साफ दिख रही थी। शुक्रवार को जब इन श्रमिकों से बात की गई तो इनका दर्द बाहर आ गया। अधिकतर मजदूरों ने दोबारा गांव छोड़कर जाने से इंकार किया। फैक्ट्री मालिकों की बेरुखी का गुस्सा नजर आ रहा था। हरदोई के मजदूर ने बताया मालिक ने मार्च महीने का वेतन भी नहीं दिया है। देवेंद्र ने बताया कि 2 महीने से मोहल्ले में बटने वाले वाली भोजन पर जिंदगी चल रही थी जिस दिन मोहल्ले में कोई खाना बांटने वाला नहीं आता था उस दिन भूखा ही सोना पढ़ता था।।
बरेली से कपिल यादव