हरितालिका तीज आज : श्रंगार, मेहंदी, झूलों के पर्व की तैयारी में जुटी रही महिलाएं

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। तीज को लेकर मंगलवार को शहर व देहात के प्रमुख बाजारों में महिलाओं ने श्रृंगार एवं मेहंदी की खरीदारी की। सनातन धर्म में हर त्योहार का अपना एक विशेष महत्व है। इन्हीं त्योहारों में से एक हरियाली तीज है। हरियाली तीज या श्रावणी तीज का उत्सव सावन महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार हरियाली तीज 23 जुलाई यानी गुरुवार को पढ़ रही है। यह प्रमुख रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कजली तीज के रुप में मनाते हैं। यह महिलाओं का उत्सव है। हरियाली तीज की तैयारी में जुटी महिलाएं बाजारों से सामान खरीदने को उमड़ पड़ी है। जिससे साड़ियों व श्रंगार की दुकानों पर महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है। सावन में जब प्रकृति ने हरियाली की चादर ओढ़ी जाती है तब हर किसी के मन में मोर नाचने लगते हैं। पेड़ों की डाल पर झूले पड़ जाते हैं। आचार्य पं.गोरखनाथ मिश्र बताया कि पहली बार पार्वती ने शिव को वर के रुप में प्राप्त करने के लिए तीज व्रत किया था। तभी से तीज व्रत की परंपरा चली आ रही है। सुहागिन महिलाएं गुरुवार को तीज के दिन उपवास करने के बाद स्नान ध्यान कर शाम को शिव व पार्वती की पूजा करेंगी। सुहागन स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है। नवविवाहित लड़कियों के लिए विवाह के बाद पढ़ने वाले पहले सावन के त्यौहार का विशेष महत्व होता है। हरियाली तीज के मौके पर लड़कियों को ससुराल से पीहर बुला लिया जाता है।
हरियाली तीज पर्व कोरोना का ग्रहण
केंद्र व प्रदेश सरकार ने कोरोना पर अकुंश लगाने के लिए सभी प्रकार के सार्वजनिक, धार्मिक, मेले आदि पर पाबंदी लगा रखी है। जिसके चलते इस बार कहीं भी किसी भी प्रकार की हरियाली तीज मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा।।

बरेली से कपिल यादव

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