सूचना के अधिकार की खिल्ली उड़ानें वालों पर लगाया जुर्माना : नारायण बारेठ

राजस्थान / बाड़मेर – राज्य सूचना आयोग ने टोंक जिले में मालपुरा नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर सूचना देने में कोताही बरतने पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने बिजली कम्पनी अजमेर विद्युत् वितरण निगम पर भी इतनी ही राशि का जुर्माना लगाया है। आयोग ने झालावाड़ जिले में चार अलग अलग मामलो में सूचना कानून की अनदेखी करने पर चिकित्सा अधिकारियो पर पांच पांच हजार का जुर्माना लगाया है।

आयोग के सम्मुख मालपुरा के शशि प्रकाश ने अपील के जरिये शिकायत की थी कि उन्होंने कोई एक साल पहले कस्बे में शुष्क शौचालय की सफाई में लगे कर्मचारियों की सूची मांगी थी। पर नगर पालिका ने उनके आवेदन की उपेक्षा की।आयोग ने पालिका अधिकारी से जवाब तलब किया। लेकिन पालिका प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने अप्रसन्नता व्यक्त की और अधिशासी अधिकारी को पांच हजार रूपये की शास्ति आरोपित करने का आदेश दिया।आयोग ने नगर पालिका को निर्देश दिया है कि वो आगामी पंद्रह दिनों में नागरिक को वांछित सूचनाएं मुहैया करवाए।

उदयपुर के एक उपभोक्ता कन्हैया लाल को जब अजमेर विद्युत् वितरण निगम से सूचना नहीं मिली तो आयोग का रुख किया। कन्हैया लाल ने 2019 में निगम से रूफटॉप ओन ग्रिड सोलर प्लांट लगाने वाले उपभोक्ताओं के बिजली बिल का प्रारूप माँगा था। लेकिन जब निगम ने सुनवाई नहीं की तो आयोग से मदद मांगी। आयोग नें निगम से सूचना देने में कोताही पर सफाई तलब की। पर निगम ने इस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने निगम के लोक सूचना अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। साथ ही आयोग ने निगम से कहा है कि वो 15 दिन में कन्हैया लाल को सूचनाएं उपलब्ध करवाए।

राज्य सूचना आयोग ने झालावाड़ जिले में इकलेरा ,डग ,मनोहर थाना और बकानी के चिकित्सा अधिकारियो पर चार अलग अलग मामलो में पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। इन चारो मामलो में एक नागरिक ने मेडिकल रिलीफ सोसाइटी से संबधित सूचनाओं के लिए वर्ष 2019 में अर्जी दाखिल कर सूचना मांगी थी। पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियो ने इसे अनसुना कर दिया। आयोग ने इन अधिकारियो को चार बार नोटिस भेज कर अपन पक्ष रखने का मौका दिया। पर न तो वे सुनवाई में उपस्थित हुए और न ही कोई जवाब दिया। इस पर आयुक्त बारेठ ने नाराजगी जाहिर की और जुर्माने का आदेश दिया।

आयोग ने इन चारो मामलो में अधिकारियो को निर्देश दिया कि वे सूचनाएं मांग रहे नागरिक को संबधित रिकॉर्ड का अवलोकन करवाए और चिन्हित पचास पेज तक की सूचनाएं निःशुल्क मुहैया करवाए साथ ही आयोग ने अपने आदेश की प्रतिलिपि इन महकमों के वरिष्ठ अधिकारियो को भी भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही जुर्माने की राशि इन अधिकारियो की तनख्वाह से काटने का निर्देश दिया है।

– राजस्थान से राजूचारण

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