सात जन्मों की कसम या फिर कोर्ट की कार्यवाही :कौन रहेगा साथ

पूर्णिया/ बिहार – शादी विवाह कोई बच्चों का खेल नही जो खेल लिया और फिर भांडोल । ये एक ऐसा रिस्ता है जो सिर्फ विश्वास की धूरी पर टिका रहता है । जरा सा भी चूक हुई बस खेल खत्म । इस रिश्ते में पति पत्नी के बीच अटूट श्रद्धा और विश्वास होना जरूरी होता है । एक दूसरे के प्रति इज्जत होना जरूरी होता हैं , दोनो एक दूसरे को कद्र करे प्रेम करे । बड़ो का आशिर्वाद भी अकूट होनी चाहिये ।दोनो एक दूसरे को समझे और दोनों एक दूसरे को इज्जत करे । बड़े बुजुर्गों की माने तो कहा जाता है कि शादी ब्याह अपने बराबरी में होना चाहिये , बराबरी का मतलब धन दौलत से नही है । पति पत्नी की बुद्धि विवेक और समझ से है , दोनो एक दूसरे को समझ पाए वो गुण वो भाव होना जरूरी होता हैं ।
पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव और उनकी धर्म पत्नी ऐश्वर्या के बीच ऐसा कुछ नही है पत्नी ऐश्वर्या दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ी लिखी है और तेजप्रताप यादव स्नातक पास भी नहीं । ऐश्वर्या हाई प्रोफाइल और मोर्डन युग की लड़की है तो तेजप्रताप धार्मिक प्रविर्ती के लोग दोनो के सोच समझ मे आकास जमीन का फर्क है । दोनों की समझदारी में बहुत का अंतर है । सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक तो पता चला है कि ऐश्वर्या राजनीति में भी अपना कदम आजमाने को तैयार है । और शायद यही दोनो के बीच तलाक को वजह हो सलती है इसका पता तो अब अदालत ही करेगी कि सच्चाई क्या है । पर अभी लालू प्रसाद यादव का पूरा परिवार बहु ऐश्वर्या के साथ खड़ा है और इस मसले को कोर्ट से पहले सुलझाने में लगे हैं । पर तेजप्रताप अपने फैसले पर अडिग दिख रहे है । तेजप्रताप यादव इस मसले को लेकर अपने पिता लालू यादव से भी रांची जेल में जाकर मिल चुके है । पर वहाँ भी उनको मनमुताबिक जबाब नही मिला ।

तेज प्रताप यादव ने कहा, ”ऐश्वर्या राय से तलाक़ के लिए पिता लालू की ज़मानत का इंतज़ार नहीं कर सकता. ये समस्या का हल नहीं है. मैं अपने फैसले पर अटल हूं. न जाने पापा को कब ज़मानत मिलेगी. मेरी दिक्क़तें इंतज़ार नहीं कर सकतीं.”
तेज प्रताप ने संकेत दिए कि वो इस मसले पर किसी की भी बात नहीं सुनेंगे, फिर चाहे वो उनकी बहन और भाई भी क्यों न हों.

तेज प्रताप ने हिन्दू मैरेज एक्ट 13 (1A) के तहत चीफ जस्टिस, परिवार न्यायालय, पटना की अदालत में पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक़ की अर्ज़ी 1208/18 दी है. कोर्ट ने उनकी अर्ज़ी स्वीकार भी कर ली है.
29 नवंबर को तलाक़ की अर्ज़ी पर सुनवाई होनी तय हुई है.

-शिव शंकर सिंह,पूर्णिया/बिहार

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