शाही, बरेली। सरकार चाहे कितनी कोशिश कर ले किंतु सरकारी मशीनरी की मनमानी के चलते सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक अभी भी नहीं पहुंच पा रहा है। बात कर रहे हैं इस समय की ज्वलंत समस्या किसानों के धान की खरीदारी की। तहसील मीरगंज में पीसीयू, पीसीएएफ व एफसीआई आदि संस्थाओं के कुल 10 धान क्रय केंद्र बनाए गए है। जिनमें से अधिकांश तो कागजों में ही चल रहे हैं या फिर एक या दो कमरों में में ही सिमट कर रह गए हैं जबकि नियमानुसार धान क्रय केंद्र पर किसानों के वाहनों को खड़े करने के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए। तहसील में जोखनपुर, दिनरा मिर्जापुर, बीसलपुर-शीशगढ़, दौली गौटिया, सहकारी समिति चकदाह, मीरगंज व चुरई गांवों में सरकारी धान क्रय केंद्र स्वीकृत हुए हैं जो कागजों में ही संचालित हो रहे हैं जबकि उनासी व संग्रामपुर गांव में सोमवार से धान क्रय केंद्र शुरू हो जाएंगे। धान क्रय केंद्रों की हकीकत जानने के लिए शनिवार को मीरगंज विधायक डॉ डीसी वर्मा ने अपने प्रतिनिधि संजय चौहान के साथ विधानसभा के सभी क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। धान क्रय केंद्रों की हालत देखकर विधायक आश्चर्यचकित रह गए। निरीक्षण के दौरान विधायक ने पाया कि जोखनपुर, दौली गौटिया, बीसलपुर, चकदाह व चुरई आदि गांवो के धान क्रय केंद्रों का संचालन केवल औपचारिकता मात्र था। यहां धान खरीदने को न तो कोई बारदाना था और न ही किसानों के धान की खरीदारी की जा रही थी। जोखनपुर व बीसलपुर गांव में धान क्रय केंद्र एक कमरे में संचालित हो रहे थे, जहां न तो एसएमआई मौजूद थे, न ही बारदाना था और न ही ठेकेदार इन केंद्रों पर मौजूद थे। तौल करने के लिए न तो लेवर थी और न ही अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं। केवल इन सेंटरों पर ठेकेदार के मुंशी व एक दो अन्य व्यक्ति उपस्थित पाए गए। धान क्रय केंद्रों की यह दुर्दशा देखकर विधायक डॉ डीसी वर्मा का पारा चढ़ गया और उन्होंने तुरंत अधिकारियों से व्यवस्था दुरस्त कराने को कहा। तहसील के 10 धान क्रय केंद्रों में केवल दिनरा मिर्जापुर व मीरगंज क्रय केंद्र की स्थिति संतोषजनक पाई गई। इन केंद्रों पर लगभग 525 कुंटल प्रति केंद्र धान का क्रय किया जा चुका था। विधायक डॉ डीसी वर्मा ने क्षेत्र के किसानों को विश्वास दिलाया है कि उनकी फसल का उचित मूल्य उन्हें अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान बंधु बिचौलियों को धान न बेचें प्रत्येक किसान को उनके धान का निर्धारित सरकारी मूल्य अवश्य दिलाया जाएगा। धान क्रय केंद्रों पर मोटा धान 1868 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीदा जा रहा है। विधायक ने कहा धान क्रय केंद्रों पर किसी भी प्रकार की कोई भी लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। विदित हो कि ठेकेदार व एसएमआई कभी लेबर,कभी बारदाना न होने का बहाना बनाकर तो कभी धान में नमी और कभी धान में चावल की मात्रा कम होने का बहाना बनाकर किसानों का धान खरीदे बिना ही उन्हें लौटा देते हैं जबकि मानक अनुसार 16 परसेंट तक की नमी अनुमन्य होगी। 16% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए और धान में 67 परसेंट भरानुसार चावल निकलना चाहिए।।
बरेली से कपिल यादव