बरेली। सोमवार को पंजाबी संगठन ने काशी विश्वनाथ वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की खुशी में ढोल नगाड़ों के साथ कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वही दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय मे कुछ लोगों में आक्रोश देखा जा सकता है। आपको बता दें कि वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी विवाद को लेकर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सर्वे पर कोर्ट कमिश्नर नही बदले जाएंगे। वह बरकार रहेंगे लेकिन अब सर्वे मे दो कोर्ट कमिश्नर होंगे। कोर्ट ने कमिश्नर को बदलने की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने आगामी 17 मई से पहले ज्ञानवापी का दोबारा सर्वे कराकर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। वही मस्जिद की वीडियोग्राफी होने पर सहमति जताते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति की तरफ से सर्वे में बाधा पहुंचाई जाती है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर 1991 मे मामला दर्ज हुआ। मस्जिद को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरोहितों के वंशजों ने सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब कोर्ट का फैसला आने के बावजूद इस मामले मे बयानबाजी दोनों थमने का नाम नहीं ले रही है।।
बरेली से कपिल यादव