यूपी बोर्ड परीक्षा: बरेली का रिजल्ट रहा 85.18 फीसदी, छात्राओं ने मारी बाजी

बरेली- यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में बरेली जिले का रिजल्ट 80.20 प्रतिशत रहा इसमें 74.99 प्रतिशत छात्र पास हुए जबकि छात्राओं का रिजल्ट 88.25 प्रतिशत रहा छात्राएं इस बार भी आगे रही। मेधावी की लिस्ट में बरेली का नाम दूर-दूर तक नहीं जुड़ सका इससे टीचरों को भी निराशा हाथ लगी बरेली क्षेत्र का रिजल्ट हाई स्कूल में 80.41 छात्र वर्ग का रहा छात्रा इस बार भी आगे रहे छात्राओं का 91.59 प्रतिशत रिजल्ट रहा जबकि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में कुल प्रतिशत रिजल्ट 85.18 रहा।
फेल छात्रों को हतोत्साहित न होने दें अभिभावक
यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट शनिवार को घोषित हो गया। ऐसे में कहीं खुशी और कहीं गम जैसा माहौल रहा। अच्छे अंको से पास हुए छात्रों के घर में जश्न का माहौल है तो फेल हुए छात्र काफी हताश और निराश हैं। ऐसे माहौल में वे छात्र गलत कदम भी उठा सकते हैं। इस पर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अभिभावक ऐसे समय में अपने बच्चों के साथ खड़े रहे। यदि उनके अंक कम भी आए हैं तो हतोत्साहित न होने दें। आगे ज्यादा मेहनत करके अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें क्योंकि कम अंक मिलने के मानसिक दबाव में ही छात्र छात्राएं गलत कदम उठा लेते हैं।
सौ प्रतिशत रहा जेल का रिजल्ट
इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा में कुछ युवक परीक्षा में शामिल हुए। जेल से शामिल होने वाले सभी छात्र पास हो गए और जेल का रिजल्ट सौ प्रतिशत रहा। हाई स्कूल में 13 लोगों ने परीक्षा फार्म भरा था जिसमें से 11 लोग परीक्षा में शामिल हुए और सभी पास भी हो गए। इंटर में 7 लोगों ने परीक्षा फॉर्म भरा था। जिसमें से 4 लोगों ने परीक्षा दी। सभी बंदी परीक्षा में पास हो गए।
कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल नहीं पहुंचे छात्र
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट जारी तो हो गया लेकिन छात्र छात्राएं अपने स्कूल नहीं पहुंचे जबकि कई दिनों पहले से ही स्कूल की ओर से छात्र-छात्राओं को सूचना दे दी गई थी। छात्र रिजल्ट वाले दिन स्कूल जरूर आएं लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से छात्र स्कूल ही नहीं आए।
टॉपर्स को ढूंढते रहे अफसर
रिजल्ट जारी होते ही सबसे ज्यादा परेशानी तब आई जब जिला टॉपर का नाम पता मिलने के बाद भी उनकी जानकारी नहीं मिल सकी कि वह कहां पर हैं। क्योंकि कई छात्रों के फोन नंबर भी नहीं मिले तो कई छात्र अपने स्कूल वालों के संपर्क में ही नहीं थे। जब मेधावियों की सूची अफसरों को मिली तो उन्होंने छात्रों को फोन मिलाया लेकिन कई छात्रों का मोबाइल नॉट रिचेबल बताता रहा।।

बरेली से कपिल यादव

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