मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव में दूसरे दिन उनकी कई रचनाओं का किया गया नाट्य मंचन

*मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव-2019

*मुंशी प्रेमचंद के जन्मस्थली लमही को साहित्यिक तीर्थ स्थल के रूप मे विकसित किया जाना ही उनकी स्मृति के प्रति सच्ची सेवा होगी-कमिश्नर दीपक अग्रवाल

*लमही को जिलाधिकारी ने लिया गोद- जिलाधिकारी

*लमही ग्राम को शहरीकरण से बचाना होगा और साथ ही इस ग्राम को हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराना भी हमारा संकल्प है-जिलाधिकारी

वाराणसी- आज क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति विभाग, वाराणसी एवं जिला प्रशासन वाराणसी द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयन्ती पर आयोजित मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव के दूसरे दिन उनकी जन्म स्थली लमही में उनकी कई रचनाओं का नाट्य मंचन किया गया। महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि आयुक्त वाराणसी मण्डल दीपक अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलित एवं उनके प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर किया गया। जिसमें काशी के वरिष्ठ सहित्यकार एवं समाजसेवियों की भी सहभागिता रही।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने वरिष्ठ सहित्यकारों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। जिनमे प्रमुख रहे प्रो0 सदानन्द शाही, प्रो0 सुरेंद्र प्रताप, डॉ मुक्ता, प्रो0 श्रद्धानन्द, डॉ गया सिंह, डॉ. अत्रि भारद्वाज, डॉ. इंद्रिवर शामिल थे। लमही महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि मुन्शी प्रेमचन्द जी के सभी पाठको प्रशंसको के लिये इस स्थान को साहित्यिक तीर्थ स्थल के रूप मे विकसित किया जाना ही उनकी स्मृति के प्रति सच्ची सेवा होगी जिससे पर्यटन को भी लाभ होगा।
जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह द्वारा प्रेमचंद के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम में सभी को सम्बोधित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं इस लमही ग्राम को गोद लेता हूं तथा इस ग्राम को शहरीकरण से बचाना होगा और साथ ही इस ग्राम को हर आवश्यक सुविधा भी उपलब्ध कराना भी हमारा संकल्प है जिससे हर आने वाला अतिथि इस ग्राम के मूल स्वरूप के दर्शन कर सके एवं मुन्शी जी की जीवन शैली का भी स्मरण कर सके। उन्होंने आह्वान किया कि जो साहित्यकार भारतीय संस्कृति में आस्था रखते हैं अपने सुझाव और योगदान दें। कहा कि लमही के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखा जाएगा जहां की गलियों, खेत खलिहानों और गांव के परिवेश से प्रेरणा लेकर वे इतने महान लेखक बने और जीवन के विविध रूपों का वास्तविक चित्रण किया। जिसने मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं नहीं पढीं वह भारतीय संस्कृति से रूबरू नहीं हुआ। उन्होंने मुंशी प्रेमचंद और लाल बहादुर शास्त्री जैसे महान लोगों भूमि पर आकर अपने आपको धन्य महसूस किया। लमही को एक ऐसा पर्यटक स्थल बनाने की घोषणा की जहां पाठकों, दर्शकों व पर्यटकों का आना-जाना बना रहे। उन्होंने प्रतिबद्धता जाहिर की कि हमारी सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम स्मारक भवन को वृहद रूप देकर म्यूजियम के रूप में विकसित कर सकें। मुंशी प्रेमचंद की जन्म स्थली को विश्व पटल पर लाने का प्रयास किया जाएगा। आगामी लमही महोत्सव से पहले संस्कृति विभाग द्वारा एक बड़ा संग्रहालय बनाया जायेगा जिसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। स्थानीय लोगो को सकारात्मक सोच और उत्साह के साथ कार्य करने की सलाह दी। “बड़ी परेशानी है भाई” हंस पब्लिकेशन की पुस्तक का विमोचन किया। लमही के लेखपाल और सचिव को तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रोबेशनर आईएएस विक्रमादित्य सिंह मलिक को निर्देशित किया कि वहां के भवन पर रुफटाप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने तथा सोख्ते गड्ढे और जल संरक्षण के समस्त कार्य कराने की पड़ताल कर लें।
आयोजन समिति की ओर से कमिश्नर एवं जिलाधिकारी को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के प्रभारी डॉ. यशवंत सिंह राठौर ने अभिनन्दन किया। महोत्सव में मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं पर आधारित विभिन्न नाट्य प्रस्तुतियों का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। जिसमें मुक्ति धन- फादर आनंद, गोदान- सलीम राजा , धिक्कार- वीणा आनंद, मैकू- प्रेमचंद नव चेतना मंच आदि मुख्य रूप से रहें।
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत गायन वादन के क्रम में शहनाई वादन- दुर्गा प्रसन्ना, बिरहा- मन्नू यादव, लोकगीत गायन- सीमा पटेल की मनोरम प्रस्तुतियां रही। प्रेमंचद जी की साहित्यक कृतियों से सम्बन्धित चित्रों की प्रदर्शनी उनके पैतृक आवास में लगाई गयी जिसका उद्घाटन आयुक्त, वाराणसी मण्डल द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो0 हीरालाल, प्रो0 विजय सिंह, विनय कुमार सिंह, अजय गुप्ता,अतुल सिंह आदि के साथ बड़ी संख्या में कला एवं साहित्य प्रेमी तथा स्थानीयजन उपस्थित रहें कार्यक्रम का संचालन किया प्रो. रामसुधार सिंह एवं डाॅ. प्रीतेश आचार्य ने।
मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव के अंतर्गत कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन विभिन्न विद्यालयों में किया गया जिसमें संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल के कक्षा 12 की छात्रा प्रगति राय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कमलापति बालिका इंटर कॉलेज की कक्षा 11 की छात्रा मुस्कान मिश्रा द्वितीय स्थान, दुर्गा चरण बालिका इंटर कॉलेज कक्षा 12 की रूपाली जायसवाल तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा संत अतुलानंद के कक्षा 9 के सुधांशु सिंह एवं राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कक्षा 10 की छात्रा निवेदिता श्रीवास्तव को सांत्वना पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। इन सभी चयनित छात्राओं को 01 अगस्त को लमही में पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
महोत्सव के अंतर्गत आयोजित स्नातक,
स्नाकोत्तर स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में धीरेंद्र महिला महाविद्यालय की छात्रा सरिता वर्मा प्रथम, जीवनदीप महाविद्यालय के छात्र अनुभव शर्मा द्वितीय , महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गंगापुर परिसर की छात्रा मीनाक्षी तृतीय तथा बीएचयू के अनिल कुशवाहा एवं श्रद्धा दुबे को सांत्वना पुरस्कार हेतु चयनित किया गया।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय नेशनल हेड (AV News)

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