मुंशी प्रेमचंद कालजयी साहित्यकार: प्रधानाचार्य माली

राजस्थान/सादड़ी- उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद कालजयी साहित्यकार थे।वे एक क्रांतिकारी रचनाकार थे, उन्होंने न केवल देशभक्ति बल्कि सामाजिक कुरीतियों व समस्याओं का चित्रण किया। उनकी रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में मानव स्वभाव की आधारभूत महत्ता पर बल देते हैं। यह विचार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में प्रेमचंद जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में बालिका माध्यमिक विद्यालय परिसर में व्यक्त किए।
सरस्वती पूजन से प्रारम्भ हुई विचार गोष्ठी में रमेश सिंह राजपुरोहित, महावीर प्रसाद, मधु गोस्वामी ने प्रेम चंद के व्यक्तित्व कृतित्व व रचनाओं पर प्रकाश डाला।इसके अतिरिक्त गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए स्थापित खिलौना बैंक में कक्षा नवमी की बालिकाओं ने कक्षाध्यापक कविता कंवर के नेतृत्व में प्रधानाचार्य विजय सिंह माली व खिलौना बैंक प्रभारी रमेश कुमार वछेटा को शैक्षणिक खिलौने भेंट किए।
स्नेह लता गोस्वामी, प्रकाश परमार,, कविता कंवर, मनीषा ओझा,, शकुंतला जैन, सरस्वती पालीवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर वीरम राम चौधरी, मोहनलाल, रमेश कुमार वछेटा, नरेन्द्र बोहरा, ललित बोस, हरीश कुमार, पुरुषोत्तम समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। विचार गोष्ठी के बाद विद्यार्थियों ने प्रेम चंद साहित्य को पढ़कर समीक्षा प्रस्तुत की।मंच संचालन प्रकाश सिसोदिया ने किया।
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पत्रकार दिनेश लूणिया सादड़ी

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