पिण्डरा/वाराणसी- मां करुणा, ममता, व प्यार की संसार है। मां वेदना, संवेदना का संस्कार है। इस भावना के साथ शनिवार को प्राथमिक विद्यालय सैरागोपालपुर में मातृ दिवस की पूर्व संध्या पर बच्चों द्वारा अपने माँ का पूजन कर उनके चरण स्पर्श कर आर्शीवाद लिया। इस दौरान विद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्रों के मांओं को आमंत्रित किया गया था।
विद्यालय परिसर में -”मुझे इस दुनिया में लाया, मुझे चलना बोलना सीखाया।। ओ मातु पिता…………. ”गीत पर मांओं का प्यार बेटों /बेटियों का दुलार झूम उठा। सभी मांओं को कतारबद्ध बिठाकर बच्चों द्वारा अपनी मां को तिलक, रक्षा, पुष्प प्रदान कर गुलाब के गुच्छ को उपहार स्वरुप प्रदान कर चरणरज को माथे लगाया। बच्चो के संस्कार व प्रेम भाव देख मां की ममता छलक उठी और माथा चूमकर आशिर्वाद दिया।बच्चों द्वारा छुपा कर रखा गिफ्ट भी प्रदान किया गया। पूरा महौल भावुक हो गया। बच्चों द्वारा उक्त अवसर पर शपथ लिया गया कि आज से मम्मी -पापा की जगह मां और पिता कहकर पुकरूंगा और प्रतिदिन दोनों के चरणरज को माथे लगाऊंगा। इससे पूर्व प्रातः वंदना के उपरांत बाल संसद के प्रारम्भ में योगगुरु रामदेव के शिष्य द्वारा बच्चों को योग शिक्षा दिया गया जिसे बच्चों ने मनोयोग से सुना और अनुसरण किया। प्राथमिक विद्यालय में पहली बार मातृ दिवस के आयोजन पर अभिभावकों में प्रसन्नता दिखी और एक स्वर से कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह कान्वेंट स्कूल खुलने से संस्कार विलुप्त हो रहे उसमे परिषदीय विद्यालयों द्वारा इस तरह का आयोजन करना समाज के लिए उपयोगी साबित होगा।
प्रधानाध्यापक मनोज सिंह ने आगन्तुक अभिभावकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय ब्यूरो चीफ वाराणसी मण्डल