बेकार पड़ी प्लास्टिक बोतल में लगाएं पौधे: पौधे दान को बनाया अपना लक्ष्य

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कस्बा फतेहगंज पश्चिमी के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार दिनेश पांडे को बचपन से ही पेड़ पौधों से लगाव था। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पत्रकारिता को अपना कैरियर चुना लेकिन बागवानी के प्रति उनका प्रेम बिल्कुल कम नहीं हुआ। वर्तमान में वह एक स्कूल चलाते हैं और साथ ही वरिष्ठ पत्रकार भी हैं। वह इस समय बरेली के कर्मचारी नगर में रहते हैं और वहां एक शिव मंदिर में भी गार्डन का नया लुक दिया है। हरे भरे पेड़ पौधे और औषधियों से संबंधित पौधों को भी लगाया। उन्हें औषधियों के पौधों से विशेषकर लगाव है। वह पांच वर्षों से लगातार तुलसी के पौधों को तैयार कर उन्हें दान देते हैं। इसके साथ ही जो भी अतिथि उनके घर आता है तो वह पौधों को दान देना पसंद करते हैं। यह दिनचर्या उनकी प्रतिदिन की है। ऑडिशन टाइम्स की टीम ने उनसे गार्डनिंग पर बातचीत की। जिस के कुछ अंश आप पढ़ सकते हैं।
प्रश्न- अगर कोई अपना गार्डन लगाना चाहता है तो उसे सबसे पहले क्या करना चाहिए?
दिनेश- सबसे पहले आपको ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जहां थोड़ी खुली जगह हो और अच्छी धूप आती हो। वैसे तो आजकल आप दीवार पर, बालकनी में भी वर्टिकल गार्डनिंग कर सकते हैं, लेकिन धूप बहुत ज़रूरी है। फिर ऐसी कोई जगह चुनें जो आपके घर के पास हो और जहां पर पानी की सुविधा हो।
प्रश्न- अगर कोई पहली बार गार्डनिंग कर रहा है तो उन्हें किस तरह के पेड़-पौधे लगाने चाहिए?
दिनेश:- शुरूआत में आपको ऐसे पेड़-पौधे लगाने चाहिए जिन्हें बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत न हो। फिर धीरे-धीरे जब आपकी पेड़-पौधों से अच्छी दोस्ती होने लगे तो आप दूसरे पेड़ लगाएं। शुरूआत के लिए गेंदा, तुलसी, पुदीना, एलोवेरा व औषधीय पौधे लगाने चाहिए जो हमारे शरीर को भी लाभकारी हो।
प्रश्न:- गार्डनिंग के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?
दिनेश: यह सबसे ज्यादा जरूरी स्टेप है और हमें पूरा ध्यान रखना चाहिये कि हमारी मिट्टी एकदम पोषण से भरपूर हो ताकि पेड़-पौधे अच्छे से पनपें। आप मिट्टी में रेत और गोबर की खाद या फिर वर्मी कंपोस्ट मिलाएं। याद रहे कि इसमें मिट्टी 30%, रेत 30% और कंपोस्ट 40% होना चाहिये और आपका पॉटिंग मिक्स तैयार है।
प्रश्न:- गार्डनिंग करने के कुछ क्रियात्मक और रचनात्मक तरीके बताएं?
दिनेश- अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोगों को लगता है कि छोटी जगह में कैसे गार्डनिंग होगी? पर मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आप आसानी से अपनी छोटी सी बालकनी या छत पर गार्डनिंग कर सकते हैं, बस आपको थोड़ा कलात्मक होना होगा। प्लास्टिक की पुरानी-बेकार बोतलों को दीवारों पर लटकाकर उनमें पेड़-पौधे लगा सकते हैं। कच्चे नारियल के ऊपर का में भी पौधे लगा सकते हैं। बहुत से लोग आजकल ऐसा कर रहे हैं। इन पौधों को बस थोड़ा-सा वक़्त चाहिए और थोड़ी सी मेहनत।
प्रश्न- पौधों को पानी देने के कुछ ऐसे तरीके, जिससे कि पानी बर्बाद न हो?
दिनेश: मुझे लगता है कि पानी देने का कोई सही या गलत तरीका नहीं होता है। आपको बस यह ध्यान में रखना है कि आपके गमलों में मिट्टी सूखी तो नहीं है। आपको मिट्टी को महसूस करना आना चाहिए ताकि जब भी आपको लगे कि मिट्टी में नमी नहीं है आप तुरंत पानी दें। इस बात का नियमित तौर पर ध्यान रखें कि मिट्टी में नमी बनी रहे। यह पेड़-पौधों के लिए काफी जरूरी है।
प्रश्न- पेड़-पौधों की देखभाल के कुछ टिप्स?
दिनेश: ध्यान रखें कि सभी गमलों व प्लास्टिक की बोतलें व नारियल के कवर में नीचे ड्रेनेज के लिए छेद हो।
* पीले और सूखे पत्तों को पेड़ से हटा दें।
* पौधों को दूसरे गमले में लगाते समय कभी भी उन्हें खींच कर बाहर न निकालें।
* बार-बार हल्का पानी देने से बेहतर है कि आप पौधों को गहराई तक पानी दें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे।
* पौधों को कब-कितना पानी देना है इसके लिए मिट्टी पर ध्यान दें।
* हर 20 से 30 दिन में खाद डालें।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।