बीएसए के औचक निरीक्षण में मिली खामियां, सात हेड मास्टर का रोका वेतन

बरेली। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने लापरवाही के आरोप में सात हेड मास्टर के सितंबर माह के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। बीएसए की कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप है। कोरोना काल में स्कूल बंद रहने से स्कूलों में गंदगी का अंबार हो गया है। इसके अलावा कायाकल्प के नाम पर जमीन पर कोई काम नहीं दिख रहा है। गुरुवार को बीएसए विनय कुमार ने औचक निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिलने पर सात हेड मास्टरों का वेतन रोक दिया। जिले के भदपुरा ब्लाक के स्कूलों का बीएसए ने निरीक्षण के दौरान हेड मास्टर हस्ताक्षर करने के बाद स्कूल से गायब हो जा रहे हैं। स्कूलों में कार्यक्रम के तहत भी काम नहीं हुआ है। इसके अलावा कमपोजिट ग्रांट भी निकाल कर खर्च कर ले गई मगर उससे भी कोई काम नहीं कराया गया। आठ में से सात स्कूलों के हेड का वेतन रोका गया है। जानकारी के मुताबिक बीएसए सबसे पहले कुंदनबन बन्नो बेगम स्कूल पहुंचे जहां 25 छात्र भी नामांकित थे। यहां कायाकल्प के तहत कोई काम नहीं कराया गया। खामियों को दूर कराए जाने तक चार्ज प्रधानाध्यापक अक्षय सिंह का वेतन रोक दिया गया है। उसके बाद प्राथमिक विद्यालय सरौरा मे प्रधानाध्यापक राजपूत देवल हस्ताक्षर करके गायब थे और स्कूल में सिर्फ 26 बच्चे ही नामांकित है जोकि अत्यंत कम है। इसके साथ ही कैंपस में गंदगी का अंबार लगा हुआ था। टाइल्स का भी कार्य नहीं कराया गया है। प्रधानाध्यापक का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। फिर प्राइमरी स्कूल पुरैनिया में प्रधानाध्यापक शालिनी सक्सेना अनुपस्थित पाई गई। स्कूल में कार्यक्रम के तहत कोई काम नहीं करा गया और गंदगी का अंबार लगा हुआ था। बिना सूचना गायब रहने के कारण प्रधानाध्यापक निरीक्षण तिथि का वेतन रोका गया है। इसके बाद जूनियर हाईस्कूल पुरैनिया में मात्र 56 बच्चे नामांकित मिले और स्कूल में भी कायाकल्प के तहत कोई काम नहीं कराया गया है। इसलिए इंचार्ज अध्यापक विपिन कुमार का वेतन रोका गया है। इसके अलावा प्राइमरी स्कूल नवदिया में भी सिर्फ 44 छात्र नामांकित मिले। कायाकल्प के अंतर्गत फर्श आदि का कार्य नहीं कराया गया है। स्कूल बेहद ज्यादा गंदा था। इंचार्ज अध्यापक नवीन कुमार शर्मा का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। फिर प्राइमरी स्कूल बहर जागीर में स्थिति सही मिली। प्राथमिक स्कूल वीरमपुर में प्रधानाध्यापक लाल सिंह हस्ताक्षर कर गायब हो गए थे। स्कूल में सिर्फ 57 बच्चे ही नामांकित मिले। कायाकल्प के तहत काम अपूर्ण मिला। लाल सिंह का वेतन भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है और सभी खामियों को दूर करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय अब्दला मे गंदगी का अंबार लगा हुआ था और यहां कम अपोजिट ग्रांड का पैसा निकाल कर खर्च कर लिया गया लेकिन कार्य कोई नहीं कराया गया। इंचार्ज अध्यापक मक्खन लाल का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। बीईओ भानु शंकर गंगवार को जांच अधिकारी नामित करते हुए निर्देश दिया गया है कि वह ग्रांट के आहरण और खर्च की जांच कर एक सप्ताह में अपनी आख्या प्रस्तुत करे।।

बरेली से कपिल यादव

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