बरेली कॉलेज मे प्रति बर्ष 35 लाख का बजट, फिर भी पीने का पानी गंदा

बरेली। शहर के ऐतिहासिक महाविद्यालय बरेली कॉलेज के घोटाले की चर्चा देशभर में फैल चुकी है। आलम ये है कि कॉलेज से जुडे लोगों को अब शर्मिंदगी तक महसूस हो रही है। बरेली कॉलेज मे घोटाले की परते देखकर शहर के लोग भी दांतों तले उंगली दबा रहे है। क्योंकि इतने बड़े और ऐतिहासिक महाविद्यालय में करोड़ों के घोटाले का सच सामने आने के बाद लोग हैरान है। आखिर कितने समय से बरेली कॉलेज मे ये करोड़ों का घोटाला हो रहा था। अब कॉलेज मे नई बात सामने आई है। इसको लेकर भी बरेली कॉलेज प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे है। हर साल बरेली कॉलेज मे प्रत्येक छात्र-छात्रा से सर्द-गर्म के नाम पर 175 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से लिए जाते है। कॉलेज में करीब 20 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। अगर हिसाब लगाए तो 20 हजार छात्र-छात्राओं से 175 रुपए के हिसाब से हर साल 35 लाख रुपए कॉलेज के खाते मे जमा हो जाते है। यदि बात करे कुछ और सत्र की तो पिछले 4 सालों मेंं कॉलेज प्रशासन को इस मद से 1 करोड़ 40 लाख की आय हो चुकी है। जबकि खर्च कुछ ही हजार रुपए हुए है। इस मद से कॉलेज मे सर्दियों के दिनों में छात्र-छात्राओं के लिए चाय, अलाव और गर्मियों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था करने का प्रावधान है। इस मद से कॉलेज से हर साल 35 लाख रुपए की कमाई तो हुई। लेकिन छात्र-छात्राओं पर सर्दी और गर्मी के नाम पर 35 हजार रुपए भी खर्च नहीं किए गए। ऐसे ही सवाल कॉलेज के लोग प्रशासन पर उठा रहे है। बरेली कॉलेज के कई विभागों में ठंडे पानी की मशीन 2012 मे छात्र संघ के बजट से लगाई गई थी लेकिन धीरे धीरे ये मशीनें भी खराब हो गई। जिन्हें बाद में कबाड़ में बेच दिया गया। जानकारों की माने तो बरेली कॉलेज में पिछले कई वर्षो से ठंडे पानी की मशीनों पर कोई खर्च नहीं किया गया है। चर्चा ये भी आ रही है कि कॉलेज मे इस वाटर फिल्टर मशीनों की सर्विस तक नहीं कराई गई और इसकी मरम्मत का पैसा भी कॉलेज के लोग खा गए। आपको बता दे कि 2020 मे पूरे साल लॉकडाउन के कारण बरेली कॉलेज बंद था। सर्दियों मे न ही अलाव की व्यवस्था की गई और न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था की गई। क्योंकि कॉलेज बंद होने से कॉलेज को पूरे इस साल का 35 लाख रुपए बच गया। ऐसा ही हाल पिछले साल भी रहा। विभागीए सूत्रों की माने तो बरेली कॉलेज प्रशासन ने कागजों पर ही 35 लाख रुपए सर्द-गर्म के नाम पर फूंक दिए।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।