बरेली। आउट ऑफ स्कूल बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए उन पर खर्च किया जाएगा। इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए) ने 2.73 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। प्रदेश भर मे आउट ऑफ स्कूल बच्चे चिह्नित किए गए हैं। जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों मे आउट ऑफ बच्चों का दाखिला कराने के लिए राज्य सरकार मोटी रकम खर्च कर रही है। अब स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीन दिवसीय प्रशिक्षण मे दाखिला व पढ़ाना कैसे है, इसकी जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण का प्रतिदिन 200 रुपये भी शिक्षकों को दिया जाएगा। बरेली जिले पर 14.91 लाख रुपये से अधिक खर्च होंगे। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने दो दिन पहले आदेश जारी किया था जिसमे कहा गया कि 7 से 14 वर्ष के आउट ऑफ स्कूल बच्चों का दाखिला कराने के लिए सभी स्कूलों से एक-एक नोडल अध्यापक चुना जाएगा। जिसके नेतृत्व में सभी बच्चों का दाखिला कराया जा सके। इन अध्यापकों का पहले प्रशिक्षण कराया जाएगा जो कि जनपद और ब्लॉक स्तर पर आयोजित होगा। बरेली मे कुल 2485 परिषदीय स्कूल हैं जिसमें 1692 प्राथमिक और 793 उच्च प्राथमिक और कंपोजिट हैं। इस हिसाब से बरेली के लिए कुल 14 लाख 91 हजार रुपये आने हैं। इसमें प्राथमिक के लिए 1015200, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट के लिए 475800 रुपये आने है। बहरहाल यह ट्रेनिंग कब होनी है इसकी स्पष्ट तिथि आना बाकी है। शासन से इस पत्र के जारी होने के बाद शिक्षक संघों में रोष है। आरोप है कि इतनी बड़ी धनराशि को खपाने की तैयारी चल रही है। ट्रेनिंग के नाम पर पैसा आएगा तो मगर इसका क्या होगा, यह किसी को पता भी नहीं चलेगा। शिक्षक संघों का कहना है कि यदि इस धनराशि को गरीब परिवारों के बच्चों में बांटा जाए तो कुछ भला हो सकता है। बीएसए विनय कुमार ने बताया कि शासन से पत्र आया है। हर स्कूल से एक नोडल शिक्षक चुना जाना है। जिसकी तीन दिनों की ट्रेनिंग कराई जाएगी।नोडल को प्रति दिन 200 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाना है।।
बरेली से कपिल यादव