बरेली कॉलेज में छात्र के साथ हुई रैगिंग की जांच बनी फुटबॉल, अब दस को होगी सुनवाई

बरेली। बरेली कॉलेज में हुई रैगिंग की घटना के बाद जांच रिपोर्ट अब फुटबॉल बनकर रह गई है । मामले की जांच जिला प्रशासन के हाथ में आ चुकी है। लेकिन अभी तक इस बात का फैसला नहीं हो पाया है कि एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र वंश चतुर्वेदी के साथ रैगिंग की घटना हुई या नही। इस साल बरेली कालेज रैगिंग का पहला मामला सामने आया है। जिसके बाद मामला यूजीसी तक जा पहुंचा। जिलाधिकारी ने मामले की जांच क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को सौंपी लेकिन अभी तक कमेटी इस बात का फैसला नहीं कर पाई है कि रैगिंग हुई है या नही। कमेटी ने इस पूरे घटनाक्रम पर बीते दो महीनों से लगातार बरेली कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुराग मोहन से कई बिंदुओं पर सवालों के जवाब मांग चुकी है। लेकिन जवाब ठीक से न मिलने पर फाइल वापस कर दी जाती है। अब एक बार फिर से क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर दोबारा से बिंदुवार जवाब मांगा है। अब मामले की अगली सुनवाई दस फरवरी को होगी। यहां यह भी बता दें कि एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र नेता राशिद मेवाती और उनके साथियों पर इसी विभाग के छात्र वंश चतुर्वेदी ने उसके साथ धक्का-मुक्की की भी शिकायत दर्ज कराई गई है। जिसके बाद कॉलेज की ओर से छात्र नेता राशिद मेवाती और बाकी साथियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि कॉलेज की ओर से गठित एंटी रैगिंग कमेटी पहले ही अपनी रिपोर्ट में कह चुकी है कि कॉलेज में कोई रैगिंग नहीं हुई है। कॉलेज की कमेटी द्वारा विभाग के शिक्षकों और कई छात्रों के लिखित बयान भी दर्ज करके इसकी रिपोर्ट क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को सौंपी जा चुकी है। जिसमें चीफ प्रॉक्टर डॉ वंदना शर्मा समेत एलएलबी विभाग के शिक्षकों और छात्राओं ने लिखित में बयान दर्ज कर यह कहा है कि क्लास रूम में किसी तरह की रैगिंग की घटना नहीं हुई थी। ऐसा पहला मामला हुआ है कि कॉलेज में हुई रैगिंग की घटना यूजीसी दिल्ली तक जा पहुंची है। यदि जांच कमेटी यह साबित कर देती है कि कॉलेज में रैगिंग हुई है तो आरोपी छात्रों के साथ-साथ संस्था के इंचार्ज यानी कि बरेली कॉलेज के प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई होना तय है। क्योंकि घटना के दिन प्रिंसिपल कॉलेज में मौजूद थे और इन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कॉलेज की कमेटी को जांच सौंप दी। इसीलिए कॉलेज प्रशासन नहीं चाहता कि रैगिंग साबित हो। इसके अलावा विभाग के उन शिक्षकों पर भी कार्रवाई होना तय है जो कि लास्ट टाइम में विभाग से नदारद थे। क्योंकि एलएलबी विभाग के शिक्षकों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि लास्ट टाइम में शिक्षक क्लास से नदारद क्यों थे। यदि क्लास मे थे तो शिक्षकों की मौजूदगी में सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग कैसे कर दी। ऐसे में विभाग के शिक्षकों पर भी कार्रवाई होना तय है।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।