गुडा माँगलियान/पाली/राजस्थान- हर वर्ष की भांति इस साल भी तपोनिधी बाल तपस्वी कृष्ण भक्त मामाजी उपासक भक्तराज महेन्द्र सिंह राणावत गादीपति मामाजी धाम गुडा माँगलियान का दसवाँ चार्तुमार्स व उपासना योग अबकी बार भारत के चार धाम कहे जाने वाले श्री बद्रीनारायण (बद्रीनाथ धाम उतराखण्ड) मे होना निश्चित हुआ है।
यह धाम भारत के जो चार धाम है उसमे से यह भी एक मुख्य धाम है।यह चार्तुमार्स व उपासना योग श्री राधैकृष्ण सेवा संस्थान के तत्वावधान मे हर वर्ष सम्पन्न होता है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवर लाल माली सादडी ने बताया कि 19 जुलाई को विशाल धर्म सभा का आयोजन होगा ओर दोपहर बाद गादीपति अपने भक्तों के साथ प्रस्थान करेंगे।ओर बताया कि गादीपति का यह चार्तुमार्स व उपासना अबकी बार भारत की तपोभूमि बद्रीनारायण उतराखण्ड मे होगा जिसके लिए सभी सदस्य गण तैयारियों में जुट गये है संत महापुरुष जहाँ भी चार्तुमार्स व उपासना योग करते है वहाँ का वातावरण भक्तीमय हो जाता है।
यह सामर्थ्य सिर्फ़ संतो मे ही होता है।किसी संत एक दोहे मे कह कर समझाया है कि
सरवर,तरवर,संत जन चौथा बरसे मैह,प्रमार्थ के कारणें चारों ने धरी दैह
भावार्थ है कि संतो का अवतरण ही परोपकार के लिए ही होता है।इसलिए संतो व भक्तों की सेवा के लिए भगवान स्वयं तत्पर रहते है।मानस मे तुलसीदास जी लिखते हैं:-
मोरे मन प्रभु अस विस्वासा।राम ते अधिक राम कर दासा
भावार्थ:-भगवान से ज्यादा उनके दास साम्यार्थवान होता है।अतः संतो की महिमा कोई ओर छोर नही।उनकी महिमा अगाद है कोई नही गा सकता है।संत सेवा से बढ़कर कोई सेवा नही है।
उन्होंने सभी भक्त सज्जनों को करबद निवेदन करते हुए सह परिवार 19 जुलाई को इस पावन वेला मे पधारकर आर्शीवाद व संत महात्माओ तथा महापुरुषों के दर्शन का लाभ प्राप्त करने की अपील की।
– दिनेश लूणिया की रिपोर्ट