फाइलेरिया उन्मूलन हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का हुआ एक दिवसीय (टी.ओ.टी.) प्रशिक्षण

  • अपने सामने ही खिलाएं सर्वजन दवा: सीएस डॉ अंजनी कुमार
  • जिले के 23 प्रखंडों में चलेगा दवा सेवन अभियान
  • दवा के दुष्प्रभाव से बचाव के लिए जिले में मुस्तैद रहेगी रैपिड रेस्पोंस टीम

मोतिहारी/बिहार- फाइलेरिया मुक्त अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए बुधवार को आईएमए भवन, मोतिहारी में सीएस डॉ अंजनी कुमार की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलित कर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों, बीसीएम/बीएचएम/प्रत्येक पीएचसी के एमओआईसी/एमओ का प्रशिक्षण (टी.ओ.टी.) हुआ। इस दौरान उन्होंने माइक्रोप्लान बनाने के निर्देश दिए। सिविल सर्जन ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर आगे आशा कार्यकर्ताओं को इन प्रशिणार्थियों के द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी। सीएस डॉ कुमार ने बताया कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सवर्जन दवा सेवन अभियान 10 फरवरी से 24 फरवरी तक चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत आशा कार्यकर्त्ता व स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करते हुए अपने सामने दवा खिलाएंगी। वहीँ जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. शरत चन्द्र शर्मा ने कहा कि फाइलेरिया नियंत्रण के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की सफलता के लिए बैनर पोस्टर लगाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस अभियान में कई विभागों के लोग सहयोग करेंगे। अधिकारियों के द्वारा अभियान की मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि लोगों को दवा के दुष्प्रभाव से बचाव के लिए रैपिड रेस्पोंस टीम लगाई जाएगी।

  • इस प्रकार खिलाई जाएगी दवा

प्रशिणार्थियों को केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और एल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने सामने खिलाई जाएगी। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है। एल्बेंडाजोल की गोली को पानी के साथ चबाकर खानी है। मुकेश कुमार ने बताया कि इस बात का ध्यान रखें कि 2 वर्ष से छोटे बच्चे, गम्भीर मरीज, गर्भवती महिलाओं को एमडीए की दवा नहीं खिलाई जाएगी।

फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपाँव रोग के नाम से भी जाना जाता है। इससे ग्रसित हो जाने पर मानव शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है, जो क्यूलेस नामक मच्छर के काटने से फैलता है। सामान्यतः बचपन में होने वाला यह रोग लासिका प्रणाली को क्षति पहुँचाता है। इससे होने वाली विकलांगता, पैरों में स्थायी सूजन हो जाना, अंडकोष की थैली में सूजन आदि से मानव की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस रोग से बचने के लिए सरकार द्वारा खिलाई जा रही निःशुल्क दवा का सेवन कर सुरक्षित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने 2030 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है।

  • 23 प्रखंडों में चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान

वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को बैनर, पोस्टर व प्रचार-प्रसार के साथ 10 फरवरी से 24 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम जिले के सभी प्रखंडों में चलेगा। इस मौके पर सीएस डॉ अंजनी कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. रंजीत राय, डीपीएम  ठाकुर विश्वमोहन, डीसीएम नन्दन झा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. शरत चन्द्र शर्मा, डैम अभिजीत भूषण, केयर इंडिया डिटीएल स्मिता सिंह, यूनिसेफ से डॉ धर्मेंद्र कुमार, डीपीओ मुकेश कुमार, डब्ल्यू एच ओ प्रतिनिधि अरुण दुबे, पीसीआई के मनोज कुमार, भिडिसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण उराँव, रविन्द्र कुमार सहित बीसीएम एवं बीएचएम मौजूद थे।

– बिहार से नसीम रब्बानी

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