प्राइवेट स्‍कूलों को बर्बाद होने से बचाइए, स्‍कूल संचालको ने सरकार से की मांग

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कोरोना महामारी व लाॅकडाउन ने हर सेक्‍टर काे प्रभावित किया। हजारों लोग बेरोजगार हो गए। खासकर निजी स्‍कूलो की स्थिति दयनीय हो गई। कई स्कूल बंद हो गए हैं तो कई बंदी के कगार पहुंच गए है। जैसे तैसे सरकार ने कोविड नियमो का पालन करते हुए स्कूलों को खोलने का आदेश दिया लेकिन फिर से कोरोना ने दस्तक तक दे दी और दोबारा 24 से 31 तक स्कूल बंद करने के आदेश कर दिए। इन सब को देखते हुये श्री गुरु हरि कृपा शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज मे प्राइवेट स्कूल प्रबंधक एसोसिएशन की मासिक मीटिंग हुई। मीटिंग में विद्यालय संचालकों ने अनेक मुद्दों पर बात की। संगठन के अध्यक्ष अजय सक्सेना ने कहा कि ग्रामीण अंचल में चल रहे प्राइवेट स्कूलों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है जिन्हें सुधारना बहुत ही चिंता का विषय है। अभिभावक लॉकडाउन की फीस तो छोड़ पिछली फीस भी देना नही चाह रहे है। वही संरक्षक दिनेश पांडे ने बताया कि स्कूल चलाना ऐसे समय मे एक चुनौती बन गई है। सचिव केसी शर्मा ने कहा सरकार की तरफ से स्कूल संचालकों को कोरोना काल में कोई भी राहत पैकेज नहीं मिला। बेसिक शिक्षा समिति के जिलाध्यक्ष बालेदीन पाल ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले सरकार ने परीक्षा कराने के निर्देश दिए और बाद में होली का बहाना बनाकर 24 मार्च से 31 मार्च तक विद्यालय बंद करने के आदेश दे दिए। एक तो कोविड चलते बच्चों की पढ़ाई एक साल मे शून्य हो गई और एक मार्च विद्यालय खुले तो इतनी लंबी छुट्टी कर दी। आखिर सरकार इन छात्रों और विद्यालय संचालकों की तरफ ध्यान आकृष्ट क्यों नहीं कर रही है जबकि कोविड का पूर्णतया पालन करते हुए स्कूल खोले गए। इस अवसर पर राजेश सक्सेना, नरसिंह, जितेन्द्र पाल, मनीश राठौर, आबिद हसन हाफिज जाकिर, नरेश चंद, कुलदीप गंगवार, ओमपाल गंगवार आदि लोग मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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