बरेली। बेसिक शिक्षा विभाग अब विद्यार्थियों को दक्ष बनाने के लिए बोलो एप और दीक्षा एप का सहारा ले रहा है। विभाग एंड्राएड फोन इस्तेमाल करने वाले अभिभावकों से संपर्क करेगा और उन्हें प्रेरित करेगा कि वह दीक्षा व बोलो एप को डाउनलोड करें। इससे बच्चों को प्राथमिक शिक्षा और बेहतर तरीके से दी जा सकेगी। विभाग के अनुसार शिक्षक लगातार विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ने का काम कर रहे है। दीक्षा एप में सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम शामिल है, जिसे क्लिक करते ही पढ़ाई प्रारंभ हो जाएंगी। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी की पढ़ाई के लिए किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना होगा। कोरोना वायरस के कारण सभी स्कूल 3 मई तक बंद कर दिए गए हैं। इसके आगे का फैसला सरकार की एडवाइजरी पर डिपेंड करता है। ऐसे में सीबीएसई बोर्ड ने भी एग्जाम और कॉपी मूल्यांकन का काम पोस्टपोंड कर दिया है। जबकि ये समय रिजल्ट घोषित करने और आगे की पढ़ाई शुरू करने का है। कोरोना का प्रकोप देखकर ये कहना मुश्किल होगा कि आगे कितने समय में मूल्यांकन और एग्जाम शुरू हो पाएगा। इस कंडीशन में ऑनलाइन क्लास शुरू करने का सजेशन अच्छा निर्णय है।
‘बोलो एप’ पर ‘दिया’ करेगी मदद
बोलो एप के जरिए बच्चों को बोल-बोल कर पढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि यह एप हिंदी और अग्रेंजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। जिससे विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में परेशानी नहीं आएगी। विद्यार्थी अपनी पंसदीदा भाषा में इस एप से पढ़ाई कर सकते है। अगर वह एप से कहेंगे कि गिनती सिखाओ, तो एप बोल कर उन्हें गिनती और पहाड़े सिखाएगा। इससे घर पर ही स्कूल जैसा माहौल तैयार हो सकेगा। वहीं एप मे दिया नाम का असिस्टेंट दिया गया है, जो बच्चों को पढ़ाने और स्किल्स सीखने में मदद करेगा। दिया हिंदी और अग्रेंजी दोनों भाषा में बात करेंगी। जब बच्चें भाषा में बात करना शुरू करेंगे तो उन्हे प्रोत्साहित करेंगी। जैसे अगर बच्चे ने किसी शब्द को सही पढ़ा है तो दिया कहेगी ‘शाबाश’। हालांकि दिया बच्चों को शब्दों के मतलब नहीं बताएगी, लेकिन एक वाक्य में आने वाले सभी शब्दों का उच्चारण करके बताएगी।
“ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभाग तेजी से काम कर रहा है। इसमें अब दीक्षा एप व बोलो एप की सहायता ली जा रही है। जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाई जा सके। हमारा यह प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ा जाए।” -विनय कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी
बरेली से कपिल यादव